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सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल और आतिशी को राहत, आपराधिक मानहानि मामले में कोर्ट की कार्यवाही पर चार सप्ताह बढ़ी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी को ट्रायल कोर्ट से मिली राहत को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कार्यवाही पर 4 हफ्तों की रोक लगा दी है.

आतिशी मार्लेना और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत को कोर्ट ने बरकरार रखा है. जस्टिस एम. एम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने पूर्व सीएम आतिशी और केजरीवाल को लेकर भी दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है.

कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर लगी रोक को 4 सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दिया था.

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि बिना किसी जख्म के आपराधिक मानहानि कानून की निगाह में कोई मायने नही रखता है. जबकि शिकायत में जख्म और सदमा अपूर्णीय क्षति बताया गया है.

सुनवाई में सिंघवी ने शशि थरूर के केस का दिया हवाला

सिंघवी ने शशि थरूर के मामले का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में चल रही निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दिया था, इस आधार पर उनके मामले में भी कोर्ट रोक लगाने का आदेश जारी कर सकता है. जबकि बीजेपी नेता राजीव बब्बर की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यह मामला शशि थरूर के मामले से अलग है.

निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक नही लगाई जा सकती है. अग्रवाल समाज का नाम वोटिंग लिस्ट से काटने वाले बयान से जुड़े मानहानि मामले में केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

केजरीवाल और आतिशी को निचली अदालत ने समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल और आतिशी की ओर से याचिका दायर की गई थी. साथ ही मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी. जिसे रद्द करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया था और कोर्ट ने केजरीवाल, आतिशी और अन्य को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था.

2019 में दायर हुआ था आपराधिक मानहानि का मुकदमा

बता दें कि दिल्ली के बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने 2019 में केजरीवाल, आतिशी, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता के खिलाफ.आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जिसपर कोर्ट ने केजरीवाल सहित अन्य को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 28 मई को दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

राजीव बब्बर ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लोगों को भाजपा के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया. दिल्ली में अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के खिलाफ आपराधिक मानहानि की याचिका दायर की गई है. अग्रवाल समाज के लोगों के वोटर लिस्ट से नाम हटाने को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप लगाए गए थे.

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-भारत एक्सप्रेस 



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