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हाईकोर्ट जाइए, दिल्ली दंगों की आरोपी छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार

गुलफिशा फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरी मुवक्किल चार साल से अधिक समय से यूएपीए के तहत जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के मुताबिक हमें जमानत मिलनी चाहिए.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुलफिशा फातिमा को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा है. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसी तरह की याचिका सह-आरोपी (शरजील इमाम) की कोर्ट खारिज कर चुका है.

आप CJI से जिक्र कर सकते हैं

गुलफिशा फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरी मुवक्किल चार साल से अधिक समय से जेल में बंद है. वह यूएपीए के तहत जेल में बंद है. सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के मुताबिक हमें जमानत मिलनी चाहिए. जिसपर जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि हम हाईकोर्ट से सुनवाई के अनुरोध करेंगे. आप चीफ जस्टिस (CJI) से जिक्र कर सकते हैं. फातिमा समेत अन्य आरोपियों को यूएपीए (UAPA) के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि वे फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. हालांकि इसी मामले में इशरत जहां जमानत पर हैं.

उमर खालिद और शरजील इमाम पर भी UAPA

उमर खालिद, शरजील इमाम (Sharjeel Imam) और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों (Delhi Riot) के कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया. दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. सीएए और एनआरसी (CAA-NRC Protest) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. खालिद (Umar Khalid) को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार किया था. 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खालिद की दूसरी बार नियमित जमानत की मांग वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसकी पहली जमानत याचिका को खारिज करने वाला उसका पिछला आदेश अंतिम है.

-भारत एक्सप्रेस



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