
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के भुज जिले में लगभग 150 एकड़ भूमि के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप एन. शर्मा की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने यह फैसला दिया है.
प्रदीप शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने कलेक्टर रहते हुए वेलस्पन ग्रुप नाम की कंपनी को बाजार मूल्य से कम दाम पर जमीन आवंटित की थी. इसके बदले प्रदीप शर्मा पहले से ही अन्य भ्रष्टाचार मामले में जेल में है. साल 2004 में प्रदीप शर्मा कच्छ जिले के कलेक्टर थे. इस दौरान उनपर आरोप लगे कि उन्होंने कलेक्टर रहते हुए वेलस्पन ग्रुप नाम की कंपनी को बाजार मूल्य से 25 फीसदी कम दर पर भूमि आवंटित की थी. जिससे सरकार को 1.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
आवंटियों के पक्ष में भूमि बहाल करने का दिया निर्देश
प्रदीप शर्मा द्वारा कंपनी को फायदा पहुचाये जाने के बाद वेलस्पन ग्रुप ने कथित रूप से अपनी सहायक कंपनी वैल्यू पैकेजिंग में प्रदीप शर्मा की पत्नी को 30 फीसदी की साझेदारी दे दी. जिससे उन्हें 30 लाख रुपये के आसपास फायदा हुआ था. एफआईआर के मुताबिक प्रदीप शर्मा ने कलेक्टर की हैसियत से भूमि जब्ती के मुद्दे पर निर्णय लेते हुए जब्ती के आदेश को रद्द कर दिया था और आवंटियों के पक्ष में भूमि को बहाल करने का निर्देश दिया था, जबकि वे अच्छी तरह से जानते थे कि वे विदेश में रह रहे हैं और भूमि पर खेती नही कर रहे है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.