
सुप्रीम कोर्ट. (फोटो: IANS)
जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में तहसीन पुनेवाला और विशाल ददलानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए 10-10 लाख रुपये की जुर्माने से संबंधित आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत का काम रोजाना की पुलिसिंग करना नहीं है.
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने तहसीन पुनेवाला के खिलाफ 28 अगस्त 2016 को अंबाला में दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया था. लेकिन कोर्ट ने इसके एवज में 10 लाख रुपए का हर्जाना भरने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इनके द्वारा की गई टिप्पणी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास थीं.
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि देश ने पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर होने वाली बयानबाजी के चलते कई विरोध प्रदर्शन झेले है, जिनमें से कुछ में सार्वजनिक संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है.
हाई कोर्ट ने कहा था कि जुर्माना एक संदेश देने के लिए लगाया गया है, ताकि कोई धार्मिक संप्रदायों के प्रमुखों का मजाक न उड़ाए. साल 2016 में तरुण सागर ने हरियाणा विधानसभा में प्रवचन दिया था. उनके इस कार्यक्रम पर तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी.
पूनावाला ने इसे धर्म का राजनीतिकरण करार दिया था तो विशाल ददलानी ने इसे संस्थाओं का माखौल बताया था. तरुण का 1 सितंबर 2018 को निधन हो गया था. वह 51 साल के थे. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में रात के 3 बजे तरुण ने आखिरी सांस ली थी.
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-भारत एक्सप्रेस
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