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18 दिनों की NIA को मिली आतंकी तहव्वुर राणा की रिमांड, पूछताछ में उठेगा 26/11 अटैक की साजिश से पर्दा

एनआईए ने अदालत से 20 दिनों की रिमांड देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिनों की रिमांड की मंजूरी दी.

Tahawwur Rana extradition

तहव्वुर राणा को 12 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार रात पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. उसे एक विशेष बख्तरबंद गाड़ी में कोर्ट तक लाया गया.

18 दिनों की रिमांड NIA को मिली

एनआईए ने अदालत से 20 दिनों की रिमांड देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिनों की रिमांड की मंजूरी दी. राणा से एनआईए उन सभी पहलुओं पर जानकारी हासिल करना चाहती है जो भारत में आतंकवादी नेटवर्क और 26/11 हमले की साजिश से जुड़े हैं.

पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. एनआईए के अधिकारी पूरी तैयारी के साथ तहव्वुर राणा को कोर्ट लाए और अदालत के समक्ष रिमांड की मांग रखी थी. कोर्ट ने रिमांड पर फैसला सुनाते हुए 18 दिनों की रिमांड कस्टडी को मंजूरी दी.

एयरपोर्ट पर किया गया था गिरफ्तार

इससे पहले गुरुवार देर शाम तहव्वुर हुसैन राणा को औपचारिक रूप से एनआईए ने गिरफ्तार किया था. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर एनआईए ने राणा को गिरफ्तार किया था.

अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया

उल्लेखनीय है कि तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया है. यह गिरफ्तारी वर्षों की कूटनीतिक और कानूनी कोशिशों के बाद संभव हो पाई है. अमेरिका में तहव्वुर राणा द्वारा प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की तमाम कानूनी कोशिशें, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंसी अपील भी शामिल थी, असफल रहीं. इसके बाद उसे लॉस एंजेलिस से एक विशेष विमान में भारत लाया गया. एनआईए और एनएसजी के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने राणा को अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की. विमान से उतरने के उपरांत सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राणा को गिरफ्तार किया गया.

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26/11 अटैक का आरोपी

तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी, लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी के अन्य पाकिस्तानी साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर 26/11 के मुंबई हमलों की योजना बनाई थी. इस भीषण आतंकी हमले में 160 से अधिक निर्दोष लोगों की जान गई और करीब 240 लोग घायल हुए थे. भारत सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.

-भारत एक्सप्रेस



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