किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल. (फाइल फोटो)
23 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) की सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि आंदोलनकारी किसान अगर कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते, तो सीधे सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं और जो भी समस्या है सुप्रीम कोर्ट को बता सकते हैं. किसानों के लिए हमेशा अदालत के दरवाजे खुले है.
कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जिंदगी बहुत महत्वपूर्ण है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर उनको कुछ होता है तो बहुत मुश्किल हो जाएगी. कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को बचाने के लिए जो भी कदम उठाने हो, मेडिकल हेल्प देना होगा, राज्य सरकार तत्काल कदम उठाए.
मेडिकल टेस्ट करवाने से इनकार किया
कोर्ट ने पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल से कहा कि पंजाब के डीजीपी और मुख्य सचिव डल्लेवाल का आमरण अनशन खत्म करवाएं. पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है. उन्होंने अपना मेडिकल टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है. उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी है.
राज्य सरकार को कुछ करना चाहिए. ढिलाई नहीं बरती जा सकती है. आपको हालात संभालने होंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि डल्लेवाल पब्लिक पर्सनैलिटी है. उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं. वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच मामले में 19 दिसंबर को फिर सुनवाई करेगा.
कमेटी मेरी मौत का इंतजार कर रही
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल MSP कानून की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं. सुनवाई से पहले किसान नेता डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई मध्यस्थता कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह को 2 पेज की चिट्ठी लिखी. इसमें डल्लेवाल ने कहा कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से बात करेंगे. कमेटी से मुलाकात के बावजूद वे शंभू या खनौरी बॉर्डर पर नहीं आई. क्या यह कमेटी मेरी मौत का इंतजार कर रही थी.
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-भारत एक्सप्रेस
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