

दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के मामले में रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल व गोपाल अंसल को दोषी ठहराने के खिलाफ दाखिल अपील पर 1 अगस्त को सुनवाई करेगा. उसी दिन कोर्ट उन दोनों को मिली सजा बढ़ाने की मांग करने वाले दिल्ली पुलिस व उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा.
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने कहा कि वह सभी याचिकाओं पर उस दिन से अंतिम दलीलें सुनेंगे और बहस पूरी होने तक रोजाना सुनवाई होगी. अभियोजन पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट की अदालत से दोषी ठहराने के आदेश को बरकरार रखा था, लेकिन उन दोनों की सजा कम कर दिया था. एवीयूटी ने अपनी याचिका में कहा है कि सत्र अदालत यह विचार करने में विफल रहा कि छेड़छाड़ का अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है. क्योंकि इससे संपूर्ण आपराधिक न्याय पण्राली प्रभावित हुई थी.
कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा
यह मामला मुख्य अग्निकांड मामले के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है. उसमें अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी. मजिस्ट्रेट की अदालत ने 8 नवंबर, 2021 को दोनों को सात साल की सजा सुनाई थी, लेकिन सत्र अदालत ने 19 जुलाई, 2022 को उन दोनों को जेल में बिताए गए अवधि को सजा मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया था.
साथ ही पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा एवं अंसल के तत्कालीन कर्मचारी पीपी बत्रा को भी जेल में काटी गई समय को सजा मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन अंसल बंधुओं पर लगाए गए 2.25 करोड़ रुपए के जुर्माने को बरकरार रखा था. सजा के खिलाफ शर्मा और बत्रा की याचिकाओं पर भी 1 अगस्त को सुनवाई होगी. उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को फिल्म ‘बॉर्डर’ के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी.
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-भारत एक्सप्रेस
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