

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर 4 अगस्त को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद देने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है. जस्टिस रवींद्र डुडेजा ने कार्ति के वकील की इस दलील पर विचार किया कि इस मामले में पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने नई तारिख देने की मांग की. न्यायमूर्ति ने फिर सुनवाई के लिए 4 अगस्त तय की.
कार्ति ने अपनी याचिका में कहा है कि 1 जनवरी को काफी सालों के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस तरह से यह अवैध है. उसे रद्द कर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा है कि प्राथमिकी दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध एवं सरकार के विरोध करने का नतीजा है. कार्ति के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला है जो उनके पिता पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच से जुड़ा है. उसको लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2018 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी.
सीबीआई ने कार्ति के अलावा कटरा होल्डिंग्स, एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) एवं अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. यह मामला वर्ष 2004 से 2010 के बीच का है. जबकि इस माममले में प्राथमिकी 1 जनवरी, 2025 को यानी 20 साल बाद दर्ज की गई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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