सलमान रुश्दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) की विवादित किताब द सैटेनिक वर्सेज (The Satanic Verses) के आयात पर लगे प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई रोक दी है. यह प्रतिबंध 1988 में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा लगाया गया था लेकिन जब कोर्ट ने उस प्रतिबंध की नोटिफिकेशन की प्रति मांगी, तो CBIC के अधिकारी इसे प्रस्तुत नहीं कर पाए.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने इस याचिका को “निरर्थक” मानते हुए कहा कि उनके पास यह मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है कि ऐसी कोई नोटिफिकेशन असल में मौजूद ही नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता भी दी कि वह इस मामले में अन्य कानूनी विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं.
याचिकाकर्ता संदीपन खान का पक्ष
संदीपन खान ने 2019 में एडवोकेट उद्यम मुखर्जी के माध्यम से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में मांग की थी कि इस प्रतिबंध को असंवैधानिक घोषित किया जाए और रद्द किया जाए. उनका कहना था कि इस प्रतिबंध के कारण वे द सैटेनिक वर्सेज का आयात नहीं कर पा रहे थे, और उन्हें भारत के बुक स्टोर्स से जवाब मिला था कि इस किताब को यहां बेचना और आयात करना अनुमति प्राप्त नहीं है. संदीपन ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया था कि उन्हें पुस्तक के अंतरराष्ट्रीय विक्रेता या ई-कॉमर्स साइट्स से आयात की अनुमति दी जाए.
संदीपन खान ने तर्क दिया कि CBIC की वेबसाइट पर इस प्रतिबंध की नोटिफिकेशन नहीं है, और न ही CBIC के अधिकारी इसके अस्तित्व को साबित कर सके. इस याचिका में CBIC के साथ-साथ राजस्व विभाग के सचिव और गृह मंत्रालय के गृह सचिव को भी प्रतिवादी बनाया गया था. इन प्राधिकरणों ने कोर्ट में यह स्वीकार किया कि वे इस नोटिफिकेशन की प्रति प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं.
कोर्ट का निर्णय
खंडपीठ ने कहा कि प्रतिवादियों में से कोई भी 5 अक्टूबर 1988 को जारी किए गए इस कथित प्रतिबंध की प्रति प्रस्तुत नहीं कर सका. कोर्ट ने इस पर संदीपन खान के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि ऐसा कोई प्रतिबंध मौजूद ही नहीं है. इसीलिए कोर्ट ने इस नोटिफिकेशन की वैधता पर विचार नहीं किया.
सलमान रुश्दी का जीवन और विवाद
सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में हुआ. उनके परिवार ने बाद में इंग्लैंड में बसने का निर्णय लिया. उन्होंने रग्बी स्कूल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. रुश्दी की पहली किताब ग्राइमस 1975 में प्रकाशित हुई. उनकी दूसरी किताब मिडनाइट्स चिल्ड्रेन ने 1981 में बुकर प्राइज (Booker Prize) जीता और 1983 में “बेस्ट ऑफ द बुकर्स” का खिताब भी हासिल किया.
द सैटेनिक वर्सेज उनकी सबसे विवादास्पद किताबों में से एक है, जिसे कई लोग इस्लाम के खिलाफ मानते हैं. इस विवाद के चलते उनके खिलाफ कई जानलेवा हमले भी हुए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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