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Heat Stroke: गर्मियों में हीट स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा, एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स को करें फॉलो

गर्मी का मौसम शुरू होते ही लू यानी हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में जो लोग ज्यादा तला या मसाले वाला खाना खाते हैं, उनके लिए गर्मी का मौसम और बेहद परेशानी भरा हो सकता है. इससे बचने के लिए तैयारी पहले से ही होनी चाहिए.

heat sroke

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गर्मी का मौसम शुरू होते ही लू यानी हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में जो लोग ज्यादा तला या मसाले वाला खाना खाते हैं, उनके लिए गर्मी का मौसम और बेहद परेशानी भरा हो सकता है. सलिए कहा जाता है कि गर्मी के दिनों में हर किसी को अपना ख्याल खुद रखना चाहिए. दरअसल लू लगने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है. आमभाषा में कहा जाए तो जो व्यक्ति लू का शिकार होता है उसे तेज बुखार, शरीर में बेचैनी और दर्द बना रहता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि इसे हीट इंजरी के नाम से भी जाना जाता है. ये एक मेडिकल इमरजेंसी है. जब हमारी बॉडी लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहती है, जो वह ज्यादा गर्म हो जाती है. इसकी वजह चक्कर या डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है. लेकिन इससे बचने के लिए तैयारी पहले से ही होनी चाहिए. आइए एक्सपर्ट्स से जानते है इससे बचने का तरीका-

हीट स्ट्रोक के क्या लक्षण है

  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार हीट स्ट्रोक के प्राथमिक लक्षणों में से एक शरीर का तापमान काफी बढ़ जाना है, जो अक्सर 104°F (40°C) से अधिक हो जाता है.
  • हीट स्ट्रोक से भ्रम, चक्कर आना,डिजिनेस, चिड़चिड़ापन और यहां तक कि दौरे भी पड़ सकते हैं.
  • हीट स्ट्रोक की वजह से दिल की धड़कन का बढ़ जाना या सांंस का तेज हो जाने जैसी चीजें भी हो सकती है.
  • हीट एक्सहस्शन के कारण जहां त्वचा आमतौर पर पसीने से तर होती है, वहीं हीट स्ट्रोक की वजह से शरीर के तापमान को नियंत्रित न कर पाने के कारण त्वचा गर्म, लाल और शुष्क बन सकती है.
  • इससे जी मिचलना, मन का खराब होना, उल्टी और दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हो सकते हैं.
  • व्यक्तियों को सिरदर्द में तेज दर्द का अनुभव हो सकता है और चक्कर भी महसूस हो सकता है.
  • हीट स्ट्रोक के कारण मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी और थकान हो सकती है.

शरीर का डिहाइड्रेट होना

डॉ. पंकज वर्मा बताते हैं किगर्मियों में सनस्ट्रोक यानी लू लगने की समस्या काफी साधारण है. जब गर्म हवा के झोंके चलते हैं और तापमान बहुत अधिक होता है, तब आपको लू लग सकती है. इसके चलते हमारे शरीर के अंदर का तरल पदार्थ सूखने लग जाता है, जिससे सोडियम और पानी की मात्रा में कमी आ जाती है. लू लगने के कारण आपको हीट एडेमा (शरीर का सूजना), हीट रैश, हीट क्रैम्प्स (शरीर में अकड़न) और हीट साइनकॉप (बेहोशी) आदि भी होने की संभावना रहती है.

बचाव के तरीके

लू से बचाव के लिए कोशिश करें कि जब गर्मी अपने चरम पर हो तब अनावश्यक बाहर न निकलें. धूप में छतरी लेकर ही निकलें. आंखों पर सनग्लासेज और सिर पर कैप लगाएं.ढीले और सूती कपड़े पहने. शरीर को हाइड्रेटेड रखने नींबू पानी, छाछ, लस्सी, नारियल पानी या बेल का शर्बत पी सकते हैं. इसके अलावा, ग्लूकोज या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स को पिएं.

एक्सपर्ट के मुताबिक, अपने खान-पान का भी ध्यान रखें. डाइट में कीवी, तरबूज और खीरे जैसी चीजों को शामिल करें. इससे आपकी बॉडी में नेचुरल तरीके से पानी की कमी होगी.

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