Bharat Express

एक लीटर पानी की बोतल घोल सकती है शरीर में जहर, पानी में लाखों प्लास्टिक के कण, भूलकर भी न करें ये काम, वरना…

Health Tips: आज के समय में प्लास्टिक की बोतल वाला पानी का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते है प्लास्टिक की बोतल का पानी हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है?

Health Tips: आज के समय में प्लास्टिक की बोतल वाला पानी का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. सफर करते वक्त या बाजार में घूमते वक्त कभी न कभी प्लास्टिक की बोतल वाला पानी पिया ही होगा. वहीं आजकल रेस्टोरेंट में भी नार्मल पानी को छोड़ प्लास्टिक की बोतल वाला पानी मिलने लगा है. लेकिन क्या आप जानते है प्लास्टिक की बोतल का पानी हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है. आज हम कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने वाले हैं.

एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि 1 लीटर पानी की बोतल में करीब 240000 नैनो प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं, जो हमें अपनी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं. यह कण इतने छोटे होते हैं कि इंसान के खून में भी घुस सकते हैं. ये पहले किए अध्ययन की तुलना में 10 से 100 गुना ज्यादा हैं.

वैज्ञानिकों ने अमेरिका में बिकने वाले तीन शीर्ष ब्रांड के बोतलबंद पानी की जांच के बाद दावा किया िक हर बोतल में 100 नैनोमीटर के प्लास्टिक पार्टिकल मौजूद हैं. प्रत्येक एक लीटर में 1.1 से 3.7 लाख नैनोमीटर प्लास्टिक मिले जबकि बाकी माइक्रोप्लास्टिक 2.4 लाख माइक्रोप्लास्टिक का 90 फीसदी हिस्सा नैनोप्लास्टिक है. स्टडी के सह-लेखक बीझान यान ने कहा कि पहले हम इस तरफ ध्यान ही नहीं देते थे, लेकिन अब प्रमाणों के साथ यह बात कही जा सकती है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी का यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है.

ऐसे की गई रिसर्च

शोध में जिस नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया उसे स्टीमुलेटेड रैमन स्कैटरिंग माइक्रोस्कोपी कहा जाता है. इसमें जांच के नमूनों को दो लेजर के नीचे परखा जाता है ताकि समझा जा सके कि वे मॉलीक्यूल किस चीज के बने हैं

नैनोप्लास्टिक इतने छोटे होते हैं कि इंसान के पाचन तंत्र और फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं. वहां से ये खून में मिलकर पूरे शरीर में पहुंच सकते हैं और मस्तिष्क व हृदय समेत सभी अंगों को प्रभावित कर सकते हैं. ये प्लेसेंटा से होते हुए अजन्मे बच्चे के शरीर में भी पहुंच सकते हैं.

Also Read