alka yagnik
फेमस इंडियन प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक (Alka Yagnik) इन दिनों एक गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं. इस बात का खुलासा उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए अपनी सेहत को लेकर अहम जानकारी साझा की है. इसमें उन्होंने बताया कि, उनको एक दुर्लभ न्यूरो समस्या हो गई है. इसके कारण अब उनको सुनाई बंद हो गया है. इसके बाद उन्होंने डॉक्टर को दिखाया और उन्हें मालूम हुआ कि उन्हें Sensorineural nerve hearing loss नाम के रेयर या कहें कि अजीब सी बीमारी हो गई है.
बता दें कि सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस एक गंभीर बीमारी है. इसमें किसी व्यक्ति को धीमी आवाज भी सुनाई नहीं देती. वहीं तेज आवाज भी बहुत धीमी सुनाई देती है या सुनाई नहीं देती. साथ ही उन्होंने इस पोस्ट में बताया कि तेज आवाज में गाना सुनने वाले लोग सतर्क हो जाएं. आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी, किसे इसका खतरा ज्यादा रहता है और क्या एक बार हियरिंग लॉस होने के बाद इंसान दोबारा सुन सकता है?
अलका याग्निक की बीमारी क्या है?
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस की समस्या तब होती है, जब आपके कान की ऑडिटरी नर्व डैमेज हो जाए. 90 फीसदी मामलों में इसमें व्यक्ति को सुनाई देना बंद हो जाता है. कई बार यह समस्या तेज शोर, जेनेटिक या फिर उम्र बढ़ने के कारण भी हो सकती है. दरअसल, हमारे भीतरी कान में कोक्लीअ एक महत्वपूर्ण अंग है, जिस पर छोटे छोटे बाल होते हैं. इन्हें स्टीरियोसिलिया कहा जाता है.
ये बाल साउंड वेव से आने वाली वाइब्रेशन को न्यूरल सिग्नल में बदल देते हैं. इससे 85 डेसिबल से ज्यादा तेज आवाज के संपर्क में आने से इन बालों को नुकसान पहुंचता है. बता दें जब तक 30-50 फीसदी बाल डैमेज नहीं हो जाते, तब तब आपको कम सुनाई देने का एहसास नहीं होता.
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस के लक्षण (Sensorineural nerve hearing loss symptoms)
- सुनने में परेशानी होना
- बच्चों और महिलाओं की आवाज सुनने में दिक्कत होना
- चक्कर आना
- तेज आवाज भी धीमी सुनाई देना
- दूसरे की आवाज दबी हुई सी लगना
- ऐसा फील होना कि आप आवाज सुन सकते हैं लेकिन समझ नहीं सकते.
- हर पल कानों में सीटी बजना
तेज म्यूजिक सुनने से होती है ये बीमारी
- बायलेटरल सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस
इसमें तेज आवाज के संपर्क में आने से और खसरा जैसी बीमारी के कारण दोनों कानों में सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस हो सकता है. यानी की व्यक्ति को दोनों कानों से सुनाई देना बंद हो सकता है.
- यूनिलेटरल सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस
व्यक्ति को ट्यूमर होने की स्थिति में यह समस्या केवल एक कान को प्रभावित करती है.
- एसिमिट्रिकल सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस
यह तब होता है, जब दोनों कानों के सुनने की क्षमता बेहद कम हो जाती है. इस दौरान एक कान की स्थिति दूसरे की तुलना में ज्यादा बदतर हो जाती है.
सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस का इलाज
रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ मामले जैसे वायरस इंफेक्शन पूरी तरह से ठीक होने के साथ सुनने की क्षमता लौट सकती है. लेकिन, दुर्भाग्य से ये बीमारी आमतौर पर स्थायी होती है और ये पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती. हालांकि, लक्षणों को प्रबंधित करने और इस स्थिति वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं. इनमें दवाएं, कॉक्लियर इम्प्लांट और हियरिंग डिवाइस आदि शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस