Tea Making Tips: भारत में सर्दी हो या गर्मी चाय लोगो की पहली पसंद है. हर व्यक्ति की सुबह चाय से होती है. भारत में सर्दियों के दौरान चाय सिर्फ एक गर्म ड्रिंक ही नहीं है बल्कि ज्यादातर भारतीयों के लिए यह एक इमोशन है, लेकिन कभी आपने सोचा है जिस चाय को आप रोजाना बनाकर पी रहे हैं उसे बनाने में आप कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं? क्योंकि आपकी एक छोटी सी गलती चाय के साथ जुड़े इस इमोशन को चुटकियों में खत्म कर सकती है. आइए हम आपको चाय बनाने का सही तरीका बता रहे हैं.
हर रसोई में बनने वाली चाय का स्वाद अलग होता है. कोई अदरक वाली चाय पाती है तो किसी को इलाइची वाली चाय पसंद होती है. किसी तो कड़क तो किसी को ज्यादा दूध वाली चाय पसंद होती है. लेकिन चाय को सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के हिसाब से भी बनाना चाहिए.
गलत चाय पत्ती का यूज
चाय बनाने के लिए सबसे पहले अच्छी क्वालिटी वाली चाय पत्ती या टी बैग का यूज करें. कई चाय की पत्ती ऐसी होती हैं, जिसमें बिल्कुल खुशबू नहीं आती उनका यूज बिल्कुल न करें.
ज्यादा उबालना
चाय को अधिक उबालने से वह कड़वी और अधिक काली बन सकती है. इसलिए, चाय की पत्ती, मसाले और दूध डालने के बाद धीरे से उबालना एक सही तरीका है.
गलत दूध का यूज
ध्यान रखें कि आप कच्चे दूध के बजाय उबले हुए दूध का यूज करें. साथ ही दूध और पानी की मात्रा समान होनी चाहिए. बहुत अधिक दूध चाय की पत्तियों और मसालों के स्वाद को कम कर सकता है, जबकि कम दूध से एक कड़क चाय बन सकती है.
शुगर डालने का सही समय
चाय बनाते समय शुगर का यूज आखिरी में करें. यह चाय के नेचुरल कलर को बनाए रखने में मदद करता है. यदि आप शुरुआत में चीनी मिलाते हैं, तो इससे चाय का रंग गहरा हो सकता है.
पत्तियों को न निचोड़ें
चाय को छानने के लिए हमेशा एक छलनी का यूज करें और कभी भी चाय की पत्तियों को न निचोड़ें, क्योंकि ऐसा करने से भी चाय कड़वी हो सकती है. मसाला चाय को कभी भी दोबारा गर्म न करें, क्योंकि इससे चाय का टेस्ट कड़वा हो सकता है. इसके अलावा, स्वास्थ्य के लिए दोबारा गर्म की गई चाय पीने से पेट खराब, दस्त, ऐंठन, मतली, सूजन और कई अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
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