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युवाओं में बढ़ रहा हेड और Neck Cancer का खतरा, तंबाकू और खराब जीवनशैली सबसे बड़ा कारण

आजकल युवाओं में सिर और गर्दन से जुड़ा कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं इससे होने वाले लक्षणों के बारे में.

Head and Neck Cancer

Head and Neck Cancer: आजकल युवाओं में सिर और गर्दन से जुड़ा कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इसी कारण हर साल अप्रैल का महीना हेड और नेक कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है. इसका मकसद है लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देना और समय रहते सतर्क करना.

तंबाकू सबसे बड़ा कारण (Head and Neck Cancer) 

सीके बिरला अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. मंदीप मल्होत्रा का कहना है कि इस बीमारी के पीछे कई कारण हैं. सबसे आम कारण है तंबाकू का सेवन. बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, गुटखा, सुपारी, जर्दा या खैनी जैसी चीजें युवाओं में कैंसर का खतरा बढ़ा रही हैं. इसके अलावा शराब पीना, वायु और जल प्रदूषण, मिलावटी खाना और कीटनाशक वाले फल-सब्ज़ी भी बड़ी वजह हैं। तनाव, नींद की कमी और बिगड़ी हुई जीवनशैली इस खतरे को और बढ़ा देती है.

क्या है हेड और नेक कैंसर?

डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि यह कैंसर सिर और गर्दन के अलग-अलग हिस्सों में हो सकता है. जैसे मुंह, जीभ, गाल के अंदर की त्वचा, गला, टॉन्सिल, आवाज की नली, नाक और साइनस, आंखों के आसपास की हड्डियां कुछ मामलों में थायरॉइड और पैरोटिड ग्रंथि (लार ग्रंथि) का कैंसर भी इसमें शामिल होता है. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. लेकिन तंबाकू और शराब का सेवन करने वालों में इसका खतरा कई गुना ज्यादा होता है.

पहचानें ये शुरुआती लक्षण (Head and Neck Cancer) 

  • मुंह में बार-बार छाला

  • जीभ या गाल में गांठ

  • निगलने में परेशानी

  • आवाज में बदलाव

  • गले या कान में लगातार दर्द

  • गर्दन में सूजन या गांठ

  • नाक से खून या काला तरल आना

कैसे होती है जांच?

डॉ. मल्होत्रा बताते हैं कि अगर कोई घाव या गांठ ठीक नहीं हो रही है, तो बायोप्सी की जाती है। इसमें उस हिस्से का ऊतक लेकर उसकी जांच की जाती है. इसके अलावा कैंसर की स्टेज और फैलाव जानने के लिए CT स्कैन, MRI और PET स्कैन जैसे टेस्ट किए जाते हैं. अब एक नई तकनीक भी आ चुकी है – लिक्विड बायोप्सी. इसमें खून के नमूने से कैंसर का पता लगाया जा सकता है. खासकर उन मामलों में यह फायदेमंद है, जहां बायोप्सी संभव नहीं होती.

क्या कैंसर दोबारा हो सकता है?

इलाज के बाद भी कैंसर लौट सकता है. यह खासकर तब होता है जब मरीज तंबाकू या शराब छोड़ता नहीं है. बीमारी की स्टेज और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं. लिक्विड बायोप्सी से अब इलाज के बाद भी निगरानी की जा सकती है, जिससे कैंसर के दोबारा लौटने की जानकारी समय पर मिल सकती है.

कैसे करें बचाव?

  • तंबाकू और शराब से दूर रहें.

  • जीवनशैली को बेहतर बनाएं.

  • समय-समय पर मेडिकल जांच करवाएं.



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