Ultra processed foods
बिजी शेड्यूल के चलते आजकल हमारी डाइट और लाइफस्टाइल बहुत खराब हो गई है. आपके स्वस्थ रहने और बीमार होने दोनों में खाने-पीने का सबसे बड़ा रोल होता है. स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है. स्वाद के चक्कर में रोजाना खाई जाने वाली कुछ चीजें सेहत को बर्बाद करने में देर नहीं लगाती हैं. फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठे खाद्य और पेय पदार्थ इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. रिसर्च की मानें तो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड हार्ट डिजीज, डायबिटीज समेत लगभग 32 बीमारियों के खतरे से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा भी इस शोध में कई सारी चीजें बताई गई हैं. आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से. उससे पहले जान लेते हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड क्या है?
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड क्या है?
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का मतलब ये है जिन्हें आप घर की रसोई में नहीं बना सकते हैं और उन्हें एक अलग तरीके से प्रोसेस्ड करके बनाया जाता है. जैसे कि इनमें कई प्रकार के वो इंग्रीडिएंट्स मिलाए जाते हैं जो कि इन फूड्स की शेल्फ लाइफ को बढ़ा देते हैं. साथ ही इनमें टेस्ट इन्हेंसर जैसे AJINOMOTO टाइप की चीजें भी मिलाई जाती हैं. जैसे कि फास्ट फूड्स, आइसक्रीम, हैम, सॉसेज, क्रिस्प्स, बड़े पैमाने पर उत्पादित ब्रेड, नाश्ता वाले कुछ अनाज, बिस्कुट, कार्बोनेटेड ड्रिंक, फलों के स्वाद वाले दही, इंस्टेंट सूप और व्हिस्की, जिन और रम सहित कुछ इसी प्रकार के ड्रिंक्स.
क्या कहती है रिसर्च
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस और आयरलैंड के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को इस बात के पुख्ता सबूत मिले कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन हृदय रोग से संबंधित मृत्यु के खतरे को 50 प्रतिशत तक बढ़ाता है. इसके अलावा ये एंग्जायटी, मूड स्विंग्स जैसे कुछ मानसिक विकार और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 12 प्रतिशत तक बढ़ाते हैं. BMJ Journal द्वारा प्रकाशित, निष्कर्ष लगभग 10 मिलियन प्रतिभागियों से जुड़े 14 समीक्षा लेखों में से 45 अलग-अलग पूल किए गए मेटा-विश्लेषणों की एक व्यापक समीक्षा पर आधारित हैं.
बीमारियों का खतरा
टीम को ऐसे साक्ष्य भी मिले जो इंगित करते हैं कि अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन का सेवन किसी भी कारण से मृत्यु के 21 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा था, हृदय रोग से संबंधित मृत्यु, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और 40-66 प्रतिशत की वृद्धि का जोखिम था. नींद की समस्या और अवसाद का खतरा 22 प्रतिशत बढ़ गया. इतना ही नहीं BMJ जर्नल की ये स्टडी ये भी बताती है कि ये अलग-अलग तरीके की 32 बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है जिनमें कैंसर, सांस से जुड़ी बीमारियां, कार्डिवैस्कुलर हेल्थ से जुड़ी बीमारियां, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग और कई प्रकार की मेटाबोलिज्म से जुड़ी बीमारियां. इसके अलावा ये मोटापा, स्किन और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का भी कारण बन सकती हैं. इसलिए इन फूड्स के सेवन से बचें.