(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
समय की बात
ओ नौजवान नस्ल एहतिजाज़ कीजिए…
बीमार व्यवस्था का अब इलाज कीजिए
ओ नौजवान नस्ल एहतिजाज़ कीजिए…
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मिमिया रहे हैं शेर, बिके चांद सितारे
धन के ग़ुलाम हो गए है आईने सारे…
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कल पे ना टालिएगा, जंग आज कीजिए
ओ नौजवान नस्ल एहतिजाज़ कीजिए…
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दीमक लगी हुई हैं यहां काठ काठ पे
शक पुख़्ता होता जा रहा है सांठ गांठ पे…
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है अर्ज़ सब बुतों से कि आवाज़ कीजिए
ओ नौजवान नस्ल एहतिजाज़ कीजिए…
(एहतिजाज़ : विरोध)
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