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Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर बनने जा रहे हैं ये दुर्लभ संयोग, इस मुहूर्त में करें खरीदारी; होगी धन-दौलत में दिन-रात बढ़ोतरी

Akshaya Tritiya 2024: अक्षत तृतीय के दिन सोना खरीदने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुओं का क्षय नहीं होता. इसलिए खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त जानिए.

akshaya tritiya 2024

अक्षय तृतीया 2024.

Akshaya Tritiya 2024 Auspicious Muhurat: अक्षय तृतीया हर साल वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, इस साल अक्षत तृतीया 10 मई, शुक्रवार को है. सोने-चांदी और कीमती चीजों की खरीदारी के लिए यह तिथि बेहद खास मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुओं का प्रभाव अक्षय बना रहता है. ज्योतिष की गणना के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया पर कई दुर्लभ और खास संयोग बनने जा रहे हैं. इसलिए इस बार की अक्षत तृतीया बेहद खास मानी जा रही है. आइए जानते हैं अक्षत तृतीया के दिन बनने वाले दुर्लभ और खास संयोग, खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त और महत्व.

अक्षय तृतीया 2024 दुर्लभ संयोग

पंचांग के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया कई खास और दुर्लभ योगों से युक्त है. अक्षत तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी. अक्षय तृतीया के दिन गजकेसरी, शश और सुकर्मा योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. ये तीनों दुर्लभ योग खरीदारी के लिए शुभ माने गए हैं. इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है. इस दिन (10 मई) रोहिणी नक्षत्र सुबह 9 बजकर 47 मिनट तक है.

अक्षत तृतीया 2024 पूजा मुहूर्त

अक्षय तृतीया के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है. यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त पर विशेष चिंतन नहीं करना पड़ता है.

अक्षय तृतीया 2024 खरीदारी महूर्त

पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन चारों प्रहर (सुबह, दोपहर, शाम और रात) में खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त हैं.
सुबह- 5 बजकर 33 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक

  • दोपहर- 12 बजकर 18 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक
  • शाम- 5 बजकर 21 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक
  • रात- 9 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 59 मिनट तक

अक्षय तृतीया का महत्व

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था. इसके अलावा इस दिन मां गंगा को धरती पर उतारा गया था. इस दिन बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं. अक्षत तृतीया के दिन ही बांके बिहारी के चरणों के दर्शन साल में एक बार होता है. अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी के साथ-साथ दान का भी खास महत्व है.

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