भगवान विष्णु.
Ashadh Maas 2024: हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ चौथा महीना है. इस महीने में की गई पूजा विशेष शुभ फलदायी साबित होती है. इस साल आषाढ़ का महीना शनिवार, 22 जून से लेकर रविवार, 21 जुलाई तक रहने वाला है. आषाढ़ के महीने में देवशयनी एकादशी पड़ती है. इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा (शयन) में चले जाते हैं. इस दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. भगवान विष्णु की उपासना के लिए आषाढ़ का महीना बेहद खास माना गया है. आइए जानते हैं कि आषाढ़ के महीने में किन बातों का खास ख्याल रखा जाता है.
आषाढ़ का धार्मिक महत्व
आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. इसलिए इस दौरान भगवान विष्णु की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. आषाढ़ मास में पड़ने वाली योगिनी एकदाशी का खास महत्व है. मान्यता है कि जो कोई इस एकादशी का व्रत रखता है उसे 88 हजार ब्रह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य मिलता है. इसके अलावा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ने वाली देवशयनी एकादशी का भी खास धार्मिक महत्व है. इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन में चले जाते हैं. जिस कारण तमाम मांगलिक कार्य रुक जाते हैं. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन गुरु पूजन का खास विधान है.
आषाढ़ मास में किन बातों का रखें खास ख्याल?
आषाढ़ में वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है. इसलिए इस महीने में संक्रमण का खतरा बना रहता है. ऐसे में आषाढ़ के महीने में पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए. इस महीने में जलयुक्त फल का सेवन करा स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है. आषाढ़ में अधिक तेलयुक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा बासी भोजन करने से भी बचना चाहिए.
आषाढ़ में क्या करना है शुभ
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन गुरु पूजन की परंपरा है. आषाढ़ का महीना तीर्थ यात्रा करने के लिए बेहद शुभ माना गया है. इसके अलावा इस महीने में दान और ध्यान करना भी शुभकारी साबित होता है. ऐसे में आषाढ़ में तांबा, कांसा और मिट्टी के बर्तन, गेहूं, गुड़, चावल और तिल का दान करना शुभ है.
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