बृहस्पति देव और राशिचक्र.
Guru Nakshatra Parivartan Bed Effect on 3 Zodiac: ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु और धन-ज्ञान का कारक माना गया है. कुंडली में अगर बृहस्पति मजबूत स्थिति में है तो जीवन में धन की कमी नहीं होती. इसके अलावा करियर और रोजगार में भी तरक्की होती रहती है. वहीं, जब कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो जाता है तो व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
बृहस्पति देव इस वक्त रोहिणी नक्षत्र में मौजूद हैं और आने वाले 20 अगस्त को यानी रक्षा बंधन के ठीक एक दिन बाद मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. देवगुरु बृहस्पति इस स्थिति में 28 नवंबर 2024 तक रहेंगे. गुरु ग्रह का यह नक्षत्र परिवर्तन तीन राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. आइए जानते हैं कि गुरु का यह नक्षत्र परिवर्तन किन राशियों के लिए शुभ नहीं है.
वृषभ राशि
बृहस्तपति का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करना वृषभ राशि के लिए अशुभ माना जा रहा है. गुरु के इस नक्षत्र परिवर्तन के इस राशि से जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ेगी. गुरु नक्षत्र परिवर्तन की अवधि में अनेक प्रकार के आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ सकता है. कार्यस्थल पर अधिकारियों की बात बुरी लग सकती है. नौकरी छोड़ने का विचार मन में आएगा. दांपत्य जीवन में जीवनसाथी से विवाद हो सकता है. सुख में कमी होगी. मानसिक तनाव रहेगा.
तुला राशि
गुरु का नक्षत्र परिवर्तन नुकसान पहुंचा सकता है. बृहस्पति के नक्षत्र परिवर्तन की अवधि में रुपये-पैसे के लेनदेन में बहुत सतर्क रहना होगा. निवेश से आर्थिक नुकसान हो सकता है. शादीशुदा जिंदगी में तनाव बढ़ सकता है. जॉब छोड़ने की स्थिति बन सकती है. कार्यस्थल पर अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलेगा. मन परेशान रहेगा. सेहत का खास ख्याल रखना होगा.
कुंभ राशि
देवगुरु बृहस्पति का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करना कुंभ राशि के लिए अनुकूल नहीं है. व्यापार में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. निवेश से भारी नुकसान हो सकता है. बिजनेस में निवेश किया हुआ पैसा डूब सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिए गुरु का यह नक्षत्र परिवर्तन शुभ नहीं माना जा रहा है. इस दौरान दफ्तर में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. धन का लेन-देन सोच-समझकर करना होगा.
मृगशिरा नक्षत्र के बारे में जानिए
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का उल्लेख किया गया है. मृगशिरा उन्हीं में से एक है, जो कि पांचवे स्थान पर है. इस नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है.
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