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आज हरतालिका तीज व्रत के दौरान भूलकर भी ना करें इन 5 नियमों को नजरअंदाज, नहीं मिलेगा व्रत का पूरा फल!

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं वहीं, कुंवारी कन्याएं इस व्रत अच्छे जीवसाथी की प्राप्ति के लिए करती हैं.

hartalika teej 2024

हरतालिका तीज 2024 (सांकेतिक तस्वीर).

Hartalika Teej Vrat Niyam: हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस साल यह व्रत शुक्रवार 6 सितंबर को यानी आज रखा जा रहा है. हरतालिका तीज का व्रत महिलाओं के लिए बहुत कठिन होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस व्रत के दौरान जल ग्रहण करना भी निषेध माना गया है. हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं वहीं, कुंवारी कन्याएं इस व्रत अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए करती हैं. हरतालिका व्रत में कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. आइए जानते हैं कि हरतालिका व्रत में किन 5 नियमों खास ख्याल रखना जरूरी है.

हरतालिका तीज व्रत के खास नियम

हरतालिका तीज व्रत के दौरान किसी प्रकार के अन्न का ग्रहण नहीं किया जाता है. इसके अलावा व्रत के दौरान जल ग्रहण करना भी निषेध है.

मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत एक बार शुरू करने के बाद जीवनभर रखना होता है. हालांकि, बीमार होने पर यह व्रत दूसरी महिला को सौंपा जा सकता है.

हरतालिका तीज व्रत का पारण अगले दिन माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाकर और हलवे का भोग लगाकर किया जाता है. इसके अलावा व्रती को रातभर जागना होता है.

व्रत के दौरान व्रती महिलाओं को व्रत कथा का पाठ करना या सुनना जरूरी होता है. मान्यता है कि इसके बिना व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिलता इसलिए प्रत्येक व्रती को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.

हरतालिका तीज व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा करना जरूरी माना गया है. सूर्यास्त के बाद का समय प्रदोष काल कहलाता है. इस दिन सूर्यास्त 6 बजकर 36 मिनट पर होगा.

हरतालिका तीज व्रत के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और प्रथम पूज्य गणेश की रेत या काली मिट्टी से बनी प्रतिमा का पूजन किया जाता है.

तीज व्रत की पूजा के दौरान माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. जबकि, भगवान शिव को धोती या अंगोछा चढ़ाया जाता है.

हरतालिका तीज व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत गुरुवार 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से हो चुकी है. वहीं, इस तिथि का समापन शुक्रवर 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगा.

हरतालिका व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (सुबह में) 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 53 मिनट तक है. यानी, इस साल हरतालिका तीज व्रत के लिए पूजन के लिए 2 घंटे 29 मिनट का समय मिलेगा.

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