जगन्नाथ रथ यात्रा.
Jagannath Rath Yatra 2024: हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं. जहां अगले सात दिनों तक निवास करते हैं. इसके बाद आठवें दिन यानी आषाढ़ शुक्ल दशमी को पुनः रथ पर सवार होकर अपने स्थान (जगन्नाथ मंदिर) लौट आते हैं. इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा दो दिनों की है. आइए जानते हैं इस बार की रथ यात्रा से जुड़ी खास बातें.
इस साल की जगन्नाथ रथ यात्रा दो दिनों की क्यों
इस साल की जगन्नाथ रथ यात्रा दो दिनों तक चलेगी. इस संबंध में ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की दो तिथियां घट गई हैं. जिसकी वजह से रथ यात्रा से पहले होने वाली पूजा की परंपरा 7 जुलाई को शाम तक चलेगी. साथ ही शाम को 4 बजे के करीब रथ यात्रा शुरू होने की संभावना है. चूंकि, रथ यात्रा की तिथि में बदलाव नहीं किया जा सकता, इसलिए इस बार सुबह के बजाय शाम को रथ यात्रा शुरू होगी. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है. इससे पहले 1971 में भी ऐसा ही हुआ था.
पौराणिक परंपरा के अनुसार, सूर्यास्त के बार रथ नहीं चलाए जाते हैं इसलिए रथ को रास्ते में ही रोक दिया जाएगा. इसके बाद दूसरे दिन रथ यात्रा फिर से शुरू होगी. 8 जुलाई को सुबह रथ यात्रा शुरू होगी और इसी दिन गुंडिचा देवी मंदिर पहुंचेगी.
कब होगा भगवान जगन्नाथ का श्रृंगार
पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ में तिथियों में गड़बड़ी की वजह से पखवरा 15 दिनों के बजाए 13 दिनों का हो गया है. ऐसे में इस साल 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ का श्रृंगार किया जाएगा.
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