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Harmanpreet Singh Profile Story: भारतीय हॉकी टीम जब 13 जनवरी की शाम को हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के अपने पहले मुकाबले में स्पेन के खिलाफ उतरेगी तो न सिर्फ इंडियन टीम और देश बल्कि दुनिया भर के हॉकी फैंस की नजरें एक ऐसे इंडियन प्लेयर पर होंगी जो लगातार दूसरे साल FIH द्वारा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्लेयर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजे गए हैं. हम बात कर रहे हैं भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ़्लिकर्स में से एक हरमनप्रीत सिंह की. इस खिलाड़ी ने टोक्यो ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडियन पुरुष हॉकी टीम की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है और भारतीय फैंस को उम्मीद है कि वर्ल्ड कप में भी अपने शानदार प्रदर्शन से वो देश को 47 साल बाद चैंपियन बनाने में कामयाब होंगे.
किसान परिवार में जन्म
हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी, 1996 को पंजाब के अमृतसर के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ था. बचपन में वे खेतों में अपने पिता का हाथ बंटाते थे. हॉकी में हरमनप्रीत कौर की दिलचस्पी बचपन से थी और शुरुआती दिनों में वे पुरानी गाड़ियों की ज़ंग लगी गियर की स्टिक से हॉकी का अभ्यास किया करते थे. खेल के प्रति उनके जुनून को देखते हुए उनके पिता ने जल्द ही उनके हॉकी स्टिक थमा दिया साथ ही 2011 में पंजाब के जालंधर में स्थित सुरजीत हॉकी एकेडमी में उनका दाख़िला कराया. यहां हरमन ने गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से हॉकी के गुड़ सिखे. आज हरमन न सिर्फ एक बेहतरीन डिफेंडर, ड्रैग फ़्लिकर और पेनाल्टी शूट स्पेशलिस्ट हैं बल्कि उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें इंडियन हॉकी टीम की कमान भी सौंप दी गई है.
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2015 में डेब्यू
2011 से 2015 के बीच जूनियर स्तर पर लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद 3 मई 2015 को हरमनप्रीत सिंह ने जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया. वहीं 2016 में अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट में उन्होंने अपना पहला गोल किया. इंडिया के लिए 164 मैचों में 126 गोल कर चुके हरमनप्रीत सिंह ने टोक्यो ओलंपिक में इंडिया की कांस्य पदक जीत मे बड़ी भूमिका निभाई थी. 2022 में संपन्न बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स, जिसमें इंडिया ने सिल्वर मेडल जीता था, उसमें 9 गोल कर प्रतियोगिता में 9 गोल कर वे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में दूसरे नंबर पर थे.
क्या खत्म होगा 47 साल का इंतजार ?
हरमनप्रीत कौर ने इंडियन टीम को टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सिल्वर, एशियन गेम्स 2018 में ब्रांज, एशिया कप 2017 में गोल्ड, चैंपिंयस ट्रॉफी 2016, 2018 में सिल्वर मेडल दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है अब देखना है कि वे अपनी कप्तानी में 1975 के बाद पहली बार इंडिया को हॉकी का चैंपियन बना पाते हैं या नहीं.
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