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भारत और पोलैंड को कबड्डी ने कैसे जोड़ा? जानें डिटेल्स

पोलैंड में कबड्डी काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह टैग और कुश्ती के यूरोपीय खेल जैसा है, और वो वर्तमान यूरोपीय चैंपियन हैं.

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भारत और पोलैंड एक दूसरे से 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हैं. दोनों देशों के बीच महाद्वीपों, समुद्रों और महासागरों का अंतर है, लेकिन एक ऐसा धागा है जिससे दोनों देश जुड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोलैंड दौरे पर इसका जिक्र किया और बताया कि कैसे ‘कबड्डी’ ने दोनों देशों के बीच एक खास कनेक्शन बनाया है.

देश के शासकीय अंदरूनी इलाकों में जन्मा यह खेल अब एक उभरता हुआ खेल बन गया है, जिसने पोलिश युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. इसी का नतीजा है कि यूरोपीय राष्ट्र ने यूरोप में खिताब जीते हैं, और कबड्डी विश्व कप में महाद्वीप का प्रतिनिधित्व किया है.

भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम कबड्डी के खेल के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं. यह खेल भारत के माध्यम से पोलैंड पहुंचा और उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है. मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं.”

दोनों देशों के बीच खेल संबंध को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी गुरुवार को पोलैंड की पुरुष और महिला कबड्डी टीमों के कप्तानों से मुलाकात करेंगे.

पोलैंड में कबड्डी काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह टैग और कुश्ती के यूरोपीय खेल जैसा है, और वो वर्तमान यूरोपीय चैंपियन हैं. पोलैंड के माइकल स्पिक्जो देश में सबसे तेजी से बढ़ती पेशेवर लीग प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेलने वाले पहले यूरोपीय थे.

यहां इसकी शुरुआत तब हुई जब भारत के एक खिलाड़ी अभिषेक शर्मा ने एक क्लब शुरू करने का फैसला किया. अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) के सदस्य अशोक दास के सहयोग से अभिषेक शर्मा, जो 2007 में बायो-टेक्नोलॉजी में एमएस कोर्स पूरा करने के बाद पोलैंड चले गए, ने 2010 में ‘कबड्डी प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की.

तब से, शर्मा ने अपनी सारी कमाई कबड्डी को लोकप्रिय बनाने में लगा दी और इस खेल को इस मुकाम तक पहुंचाया.

पोलैंड की पुरुष राष्ट्रीय टीम ने भारत के अहमदाबाद में 2016 कबड्डी विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और उसमें खेला, तथा प्रारंभिक ग्रुप मैच में तत्कालीन विश्व चैंपियन ईरान को हराकर बड़ा फेरबदल किया.

हालांकि वे ग्रुप में चौथे स्थान पर रहे और अगले चरण में आगे बढ़ने में असफल रहे, लेकिन परिणाम से पता चला कि पोलैंड में कबड्डी का भविष्य उज्ज्वल है. प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलेगी.

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