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IND vs NZ Hockey WC: भारत के पास आखिरी मौका, क्वार्टर फाइनल की टिकट के लिए न्यूजीलैंड से भिड़ंत

IND vs NZ Hockey WC: रविवार को भुवनेश्वर में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने के लिए भारत के पास आखिरी मौका है. भारतीय टीम के लिए ये मुकाबला करो या मरो का होगा क्योंकि न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का मतलब है, भारतीय टीम का हॉकी वर्ल्ड कप की रेस से बाहर होना. भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज क्रॉसओवर मुकाबला खेला जाएगा. दोनों टीम इस मैच को जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के इरादे से मैदान में होगी. इस मैच से पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा है. करिश्माई मिडफील्डर हार्दिक सिंह चोट के कारण वर्ल्ड कप से बाहर हो गए है. उनकी जगह राजकुमार पाल को टीम में शामिल किया गया है.

मुश्किलों में टीम इंडिया

भारतीय हॉकी टीम की वर्ल्ड कप ट्रॉफी का सफर काफी कठिन नजर आ रहा है. जिस तरह टीम ने वेल्स के खिलाफ प्रदर्शन किया वो देखकर ये कहना गलत नहीं होगा की भारत टूर्नामेंट में काफी पीछे है. सबसे बड़ा झटका भारत के लिए इनफॉर्म हार्दिक सिंह का चोटिल होना है. उनकी कमी वेल्स के खिलाफ मुकाबले में भी खूब खली है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच जीत लेती है तो उसे अगले मुकाबले में गत चैंपियन बेल्जियम से भिड़ना होगा. इसलिए हर हाल में भारत को इन मुकाबलों से पहले अपनी खामियां दूर करनी होगी.

ये भी पढ़ें: IND vs NZ: बस एक जीत… और वर्ल्ड नंबर 1 टीम बन जाएगी भारत, न्यूजीलैंड के खिलाफ इतिहास रचने का मौका

अब तक कैसा रहा टूर्नामेंट में भारत का सफर?

भारत ने ग्रुप मैच में अपना अभियान स्पेन के खिलाफ 2-0 की जीत के साथ शुरू किया था, पांचवीं रैंकिंग की इंग्लैंड के साथ गोलरहित ड्रा खेला था और आखिरी मैच में वेल्स को 4-2 से हराया था. भारत के पूल डी में इंग्लैंड के बराबर सात अंक रहे लेकिन गोल औसत में पिछड़कर वह दूसरे स्थान पर रहा.

दूसरी तरफ न्यूजीलैंड पूल सी में तीसरे स्थान पर रहा. उसे मलेशिया से 2-3 से चौंकाने वाली हार का सामना करना पड़ा. वे नीदरलैंड्स से भी 0-4 से हारे. न्यूजीलैंड ने पांच गोल किये और आठ खाये. उसकी एक जीत चिली के खिलाफ आयी.

भारत को भी गोल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उसने तीन मैचों में छह गोल किये. उसने वेल्स के खिलाफ लगातार दबाव में दो मिनट में दो गोल खाये. भारतीय टीम पूल डी में अपराजित रही लेकिन उसका प्रदर्शन स्तर के अनुरूप नहीं था. वर्षों से डिफेंस भारत की एक कमजोर कड़ी रहा है लेकिन आक्रामक और हमलावर शैली की हॉकी खेलकर वह इसकी भरपाई करता रहा है. इस विश्व कप में भारतीय टीम अपना स्कोरिंग टच भूल गयी दिखाई देती है.

Amit Kumar Jha

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