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भारतीय दिग्गज स्पिनर R Ashwin ने IPL में इम्पैक्ट प्लेयर नियम का किया बचाव, कहा यह खेल को दिलचस्प बनाता है

भारतीय ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर का नियम आईपीएल में एक रणनीतिक नियम है और अगर इसे समाप्त किया जाएगा तो एक दिलचस्पी भी समाप्त हो जाएगी.

रवि अश्विन

भारतीय ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर का नियम आईपीएल में एक रणनीतिक नियम है और अगर इसे समाप्त किया जाएगा तो एक दिलचस्पी भी समाप्त हो जाएगी.

आईपीएल 2024 के दौरान खिलाड़ियों और कोचों की तरफ़ से इम्पैक्ट प्लेयर नियम की ख़ूब आलोचना हुई है, जिसमें भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल हैं. हालांकि अश्विन इससे विपरीत सोच रखते हैं.

क्या है इम्पैक्ट प्लेयर नियम?

आईपीएल में 2023 में लागू किया गया इम्पैक्ट प्लेयर नियम, टीमों को प्रति मैच एक सबस्टीट्यूट खिलाड़ी का उपयोग करने की अनुमति देता है. आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर की मूल अवधारणा प्रत्येक टीम में एक सबस्टीट्यूट खिलाड़ी को बल्ले या गेंद से मैचों में सक्रिय भूमिका निभाने की अनुमति देना है.

आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर नियम के तहत टीमें मैच से पहले अपनी प्लेइंग 11 के अलावा पांच सबस्टीट्यूट खिलाड़ियों को नामित कर सकती हैं. मैच शुरू होने के बाद, दोनों टीमों के कप्तान मैच के किसी भी ब्रेक के दौरान (जैसे की पारी की शुरुआत, ओवर के अंत में, विकेट गिरने पर या बल्लेबाज के रिटायर होने पर) प्लेयिंग 11 में से किसी एक खिलाड़ी की जगह लेने के लिए इन पांच में से किसी एक सबस्टीट्यूट खिलाड़ी को शामिल कर सकते हैं. एक टीम को एक मैच में अधिकतम एक इम्पैक्ट प्लेयर को सबस्टीट्यूट करने की अनुमति है.

अगर किसी टीम ने अपनी शुरुआती प्लेयिंग 11 में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया है, तो वे केवल एक भारतीय को ही अपने इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में शामिल कर सकते हैं. अगर किसी टीम ने अपनी शुरुआती एकादश में तीन या उससे कम विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया है, तो वे इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में विकल्प सूची से किसी अन्य विदेशी खिलाड़ी को शामिल कर सकते हैं.

क्रिकेट में नए प्रयोग का अवसर देता है

क्रिस श्रीकांत के यूट्यूब शो ‘चीकी चीका’ पर बात करते हुए अश्विन ने कहा, “इम्पैक्ट प्लेयर का नियम उतना भी बुरा नहीं है क्योंकि यह क्रिकेट में रणनीति जैसे तत्वों पर अधिक ज़ोर देता है. हालांकि इसका एक पक्ष यह भी है कि यह नियम ऑलराउंडर्स को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन ऐसा करने से किसी को कोई रोक भी नहीं रहा है. यह पीढ़ी ही ऐसी है कि कोई भी बल्लेबाज़, गेंदबाज़ी नहीं करना चाहता और कोई गेंदबाज बल्लेबाजी. ऐसा भी नहीं है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से ऑलराउंडर्स प्रभावित हुए हैं. वेंकटेश अय्यर को ही देखिए, वह काउंटी क्रिकेट में लैंकशायर के लिए कमाल कर रहे हैं. इम्पैक्ट प्लेयर नियम क्रिकेट में एक नए प्रयोग का अवसर देता है.”

अश्विन ने इसी साल आईपीएल के क्वालिफ़ायर-2 का उदाहरण देते हुए कहा, “सनराइज़र्स हैदराबाद ने शहबाज़ अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाया और वह तीन विकेट लेकर मैच विजेता साबित हुए. आईपीएल में जब ओस एक प्रभावी भूमिका निभाता है और मैच लगभग इकतरफ़ा हो जाता है, तो इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नियम गेंदबाज़ी का एक और विकल्प व खेल को संतुलन देता है. जब आप एक अतिरिक्त खिलाड़ी खिलाते हैं तो मैच और क़रीबी हो जाता है.”

युवा खिलाडियों को मिलता है मौका

ऑफ़ स्पिनर ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस नियम के कारण ही शहबाज़ अहमद, शिवम दुबे और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी उभरे हैं और भारतीय टीम तक जगह बनाई है. उन्होंने कहा कि अगर यह नियम नहीं होता तो जुरेल जैसे खिलाड़ी को कभी मौक़ा ही नहीं मिलता. इस नियम की वजह से ही नए खिलाड़ियों को जगह मिल रही है.

खिलाड़ियों को मिलना चाहिए ‘राइट टू मैच’ का विकल्प

अश्विन ने यह भी कहा कि इस साल होने वाली मेगा ऑक्शन के दौरान ‘राइट टू मैच’ विकल्प नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर किसी फ़्रैंचाइज़ी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उनके शीर्ष चार या पांच में नहीं है कि उन्हें रिटेन किया जाए तो नीलामी के दौरान उनको यह हक़ भी नहीं होता कि खिलाड़ी के ख़रीदे जाने के बाद वे अचानक से बीच में आ जाएं. यह विकल्प खिलाड़ियों को मिलना चाहिए कि क्या वह चाहते हैं कि राइट टू मैच का प्रयोग उन पर किया जाए या नहीं.”

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-भारत एक्सप्रेस

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