माइकल फ़ेल्प्स
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने नाम को चरितार्थ करते है, माइकल फेल्प्स उन्हीं चंद लोगों में से एक हैं. ओलंपिक खेलों में खिलाड़ी एक मेडल हासिल करने के लिए भी तरस जाते हैं, वहीं माइकल फेल्प्स के नाम पांच ग्रीष्मकालीन खेलों में कुल 28 मेडल (जिनमें 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज) शामिल हैं. उनका बड़ा शरीर, चौड़े कंधे और बड़े पैर पानी में पंख की तरह काम करते हैं और यही उनके शरीर को तैराकी के लिए एकदम फिट बनाती है. इस खिलाड़ी ने बिजिंग ओलंपिक में रिकॉर्ड आठ गोल्ड मेडल जीते थे. 17 अगस्त के दिन ही आठवां पदक अपने नाम किया था.
मां के कहने पर शुरू की तैराकी
यकीनन फेल्प्स अब तक के इतिहास के सबसे अच्छे तैराक हैं, लेकिन वो एक अच्छे बेटे भी हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि माइकल फेल्प्स ने तैराकी अपनी मर्जी से नहीं बल्कि अपनी मां के कहने पर शुरू की थी. मगर धीरे-धीरे उनका इसमें मन लग गया और उनके बनाए गए कीर्तिमान की वजह से आज उन्हें दुनियाभर के वो लोग भी जानते हैं जो खेलों में कम रुचि रखते हैं. 10 साल की उम्र में फेल्प्स ने अपने आयु वर्ग (100 मीटर बटरफ्लाई) में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया था जिसके बाद उन्होंने कोच बॉब बोमन से नॉर्थ बाल्टीमोर एक्वाटिक क्लब में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया. 2016 में रिटायरमेंट लेने के बाद फेल्प्स ने बताया, “मैं पानी में केवल इसलिए गया क्योंकि मेरी मां चाहती थी कि मैं तैरना सीखूं. मेरी बहनों और मुझे इस खेल से प्यार हो गया था और हमने तैराकी सीखने का फैसला किया.”
बीजिंग ओलंपिक में रचा इतिहास
अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स को ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में ‘मेडल किंग’ कहा जाता है. फेल्प्स ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 28 मेडल जीते थे, जो कि किसी एथलीट द्वारा ओलंपिक खेलों में जीते हुए सर्वाधिक मेडल हैं. फेल्प्स ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में 13 गोल्ड मेडल जीते हैं.
30 जून 1985 को मैरीलैंड के बाल्टीमोर में जन्मे माइकल फेल्प्स ने बीजिंग में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 8 मेडल जीते थे. 7 साल की उम्र से तैराकी करने वाले फेल्प्स ने 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले, 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर मेडले, 4×100 मीटर फ्रीस्टाइल, 4×200 मीटर फ्रीस्टाइल, 4×100 मीटर मेडले और 4×100 मीटर मेडले में गोल्ड मेडल जीतकर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया.
फ़ेल्प्स का ओलंपिक सफर
माइकल फ़ेल्प्स मात्र 15 वर्ष की आयु में सिडनी 2000 ओलंपिक में गए थे जो 68 वर्षों में ओलंपिक खेलों के लिए USA टीम में सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे. इस ओलंपिक में वह एक भी पदक नहीं जीत पाएं और अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन 200 मीटर बटरफ्लाई में किया जहां उन्होंने पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया. उसके बाद से, उन्होंने अगले चार खेलों में अपना दबदबा बनाए रखा, और हर एक में सबसे अधिक पदक जीतने वाले एथलीट बने. एथेंस में उन्होंने छह स्वर्ण पदक और दो कांस्य पदक जीते, जो मार्क स्पिट्ज के विश्व रिकॉर्ड (म्यूनिख 1972 में सात स्वर्ण) से बस थोड़ा ही कम था.
बीजिंग 2008 ओलंपिक में किसी एक एथलीट द्वारा ओलंपिक खेलों में जीते गए सबसे ज़्यादा पदक जीतें. फ़ेल्प्स ने आठ स्वर्ण पदक जीते – हर उस स्पर्धा में जिसमें उन्होंने भाग लिया – और उनमें से सात में विश्व रिकॉर्ड तोड़े.
लंदन 2012 भी शानदार रहा जहां उन्होंने चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीते और संन्यास ले लिया, लेकिन रियो 2016 ओलंपिक में उन्होंने ऐतिहासिक वापसी की और 31 वर्ष की आयु में, पांच स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता.
2016 में लिया संन्यास
2016 रियो ओलंपिक में 5 गोल्ड मेडल जीतकर अपने शानदार करियर के स्वर्णिम अध्याय को विराम दिया. इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि माइकल फेल्प्स अब तक के सबसे महान ओलंपियन हैं. अब वे चुके हैं और निकोल से विवाहित हैं, जिनसे उनके तीन बेटे हैं, बूमर, बेकर और मावरिक. फेल्प्स अपने स्वयं के चैरिटेबल फाउंडेशन के लिए काम करते हैं, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर विशेष जोर देता है.
-भारत एक्सप्रेस