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Bangladesh

सीएए पात्र व्यक्तियों को पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता प्रदान करता है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है.

14 अगस्त, 1975 के दिन राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट होना बांग्लादेश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था. इसने न केवल बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया, बल्कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को भी बदल दिया.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे इस अत्याचार को लेकर यूपी के अमरोहा स्थित कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक्स पर एक पोस्ट किया है.

कश्मीर घाटी में सुरक्षा चुनौतियों और बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों समेत सभी अल्पसंख्यकों पर हो रही बर्बरता की निंदा करते हुए इंद्रेश कुमार ने विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं.

बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमलों के खिलाफ व्हाइट हाउस के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया गया.

1971 के युद्ध में न केवल बांग्लादेश को आजादी मिली थी, बल्कि पाकिस्तान को भी इस दौरान करारा झटका मिला था.

जो सरकार ऐसे में मूक-दर्शक बनी रहेगी, वो ये मानकर चले कि ये उसकी विदेश नीति की नाकामी है कि उसके सभी दिशाओं के निकटस्थ देशों में परिस्थितियां न तो सामान्य हैं और न उसके अनुकूल.

शेख़ हसीना द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ हाल में सेना के साथ सरकार बनाने की बातचीत करने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा था.

शेख हसीना ने कहा कि मैं सत्ता में बनी रह सकती थी, अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व कायम करने दिया होता.