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Madya Pradesh Election Survey: अगर वोट फीसदी की बात की जाए तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा 46 फीसदी, सत्ताधारी बीजेपी को 43 फीसदी वोट हासिल होंगे.

'India' Alliance: दिल्ली में बैठक से पहले शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर लड़ने को लेकर सभी पार्टियों में आपसी सहमति बनी है लेकिन राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर मतभेद बने हुए हैं.

Congress: कांग्रेस में टिकट न मिलने के चलते उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की थी, यहां आप ने उन्हें ब्यौहरी सीट से प्रत्याशी भी बनाया, लेकिन पूर्व विधायक रामपाल आप में सप्ताह भर भी नहीं रूके और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.

गुर्जर को टिकट देने के मामले में दोनों ही पार्टी बराबर है. अबतक बीजेपी ने 5 तो कांग्रेस ने 4 उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं. दोनों पार्टियों ने सांगानेर (जयपुर), बीकानेर पश्चिम और केकड़ी सीटों से ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

Rajasthan: ज्योति खंडेलवाल को बीजेपी अब विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. वह करीब 20 साल से कांग्रेस के लिए काम कर रही थीं.

Election Commission. ऐसे में चुनावी मशीनरी पर सवाल खड़े होना ज़ाहिर सी बात है। जो भी नेता हारता है वो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) या चुनावी मशीनरी को दोषी ठहराता है।

बुधनी से सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में हैं. इसको लेकर सामने आया है कि वो चुनाव लड़ने के लिए जन सहयोग का सहारा ले रहे हैं.

सिंधिया समर्थक जो नेता 2020 के चुनाव में हार गए थे. उन्हें भी बीजेपी ने टिकट दिया है. इनमें डबरा से इमरती देवी, सुमावली से ऐंदल सिंह कंषाना और मुरैना से रघुराज सिंह कंषाणा का नाम शामिल है.

चुनावी राजनीति में जीत का सबसे अहम पैमाना जाति को ही माना जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में ठाकुर-ब्राह्मणों की केमिस्ट्री में जाति का ये गणित फेल होता दिख रहा है। 14 फीसदी से भी कम आबादी वाले सामान्य वर्ग को 37 प्रतिशत उम्मीदवारी मिली है।

राजस्थान चुनाव में दोनों ही पार्टियों को एक दूसरे के दो-दो दिग्गज चेहरों ने परेशान कर दिया है। कांग्रेस को दीया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तो वहीं बीजेपी को मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सामने मजबूत चेहरा नहीं मिल रहा है।