Bharat Express

हैरान कर देने वाले इन तथ्यों से समझिए ब्रह्मांड में हमारी हैसियत क्या है

ब्रह्मांड के तमाम रहस्यों से अब तक पर्दा नहीं उठ सका है. हालांकि वैज्ञानिकों की खोज ने तमाम तथ्यों को हमारे सामने भी रखा है. हम आपको ब्रह्मांड से जुड़े कुछ ऐसे ही तथ्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आपका दिमाग हिल जाएगा.

Solar System

(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

हमारा ब्रह्मांड यानी Universe इतना विशाल है कि इसके तमाम रहस्यों का पूरी तरह से पता नहीं लगाया जा सका है. खगोलविज्ञानी (Astronomers) और अंतरिक्ष वैज्ञानिक (Space Scientists) विभिन्न तथ्यों का पता लगाने के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं. इन्होंने हमारे सामने तमाम चौंकाने वाले तथ्यों को रखा है और ब्रह्मांड से संबंधित तमाम रहस्यों से पर्दा भी उठाया है.

हम धरती (Earth) पर रहते हैं. आपसी रिश्तों और हमारे व्यवहार की बात करें तो कई बार हम इस अहंकार में फंस जाते हैं कि हम ही सबसे बड़े हैं. यानी हम कई बार ‘अहं ब्रह्मास्मि’ वाली भावना से भर जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है पूरे ब्रह्मांड के आगे हमारी हैसियत किसी धूल कण से अधिक नहीं है. इस विशेष रिपोर्ट में हम आपको ब्रह्मांड से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आपका दिमाग हिल जाएगा.

ब्रह्मांड क्या है

दरअसल ब्रह्मांड ही सब कुछ है. इसमें कई आकाशगंगाएं (Galaxies) शामिल हैं. इन आकाशगंगाओं का अपना सौर मंडल (Solar System) होता है, जिसमें सूरज, ग्रह और अंतरिक्ष पाए जाते हैं. इसमें सभी पदार्थ और ऊर्जा शामिल हैं. इसमें समय भी शामिल है और बेशक इसमें हम और आप भी शामिल हैं.

हमारा सूरज, पृथ्वी और चंद्रमा, ब्रह्मांड के साथ ही एक आकाशगंगा का हिस्सा है, जिसे मिल्की-वे आकाशगंगा (Milky Way Galaxy) के नाम से जाना जाता है. इसमें पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रह और उनके दर्जनों चंद्रमा हैं. क्षुद्रग्रहों (Asteroids) और धूमकेतुओं (Comets) के साथ हमारे सौर मंडल में शामिल तमाम ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं.

Milky Way Galaxy

हमारी आकाशगंगा को मिल्की वे कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप इसे बहुत अंधेरे क्षेत्र में देखते हैं तो यह आकाश में रोशनी की एक दूधिया पट्टी के रूप में दिखाई देती है.

सूर्य हमारी आकाशगंगा में मौजूद सैकड़ों अरबों तारों में से एक है और उनमें से ज्यादातर तारों के अपने ग्रह हैं, जिन्हें एक्सोप्लैनेट कहा जाता है. मिल्की वे ब्रह्मांड में मौजूद अरबों आकाशगंगाओं में से एक है – माना जाता है कि हमारी आकाशगंगा समेत सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल्स (Supermassive Black Holes) हैं.

हमारी आकाशगंगा में 1,00,000 से अधिक प्रकाश वर्ष तक फैले तारों की एक डिस्क है. पृथ्वी आकाशगंगा की सर्पिल भुजाओं में से एक पर स्थित है, जो इसके केंद्र से लगभग आधी दूरी पर स्थित है. हमारे सौर मंडल को मिल्की वे का सिर्फ एक चक्कर लगाने में लगभग 240 मिलियन (24 करोड़) वर्ष लगते हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के आंकड़ों के अनुसार, सबसे दूर स्थित ग्रह नेपच्यून (Neptune) की कक्षा के अपहेलियन (Aphelion – किसी ग्रह, क्षुद्रग्रह या धूमकेतु की कक्षा में वह बिंदु जिससे वह सूर्य से सबसे दूर होता है) को देखते हुए सौर मंडल की त्रिज्या 4.545 अरब किमी और व्यास 9.09 अरब किमी होगा. अगर इसे बौने ग्रह (Dwarf Planet) एरिस (Eris) तक आगे बढ़ाया जाता है, तो यह व्यास बदल सकता है.


पृथ्वी, सूर्य और चांद-तारों से जुड़े कुछ हैरतअंगेज तथ्य


1. वैश्विक आबादी और लॉस एंजिल्स

पृथ्वी पर इंसानों की कुल आबादी की बात करें तो यह लगभग 8 अरब के बराबर हो चुकी है. ऐसा कहा जाता है कि ये पूरी आबादी अमेरिका के लॉस एंजिल्स क्षेत्र में फिट हो सकती है. आपको ये बात सुनकर हैरानी हो सकती है, लेकिन ये सच है. नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार, पूरी दुनिया के लोग अगर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाएं तो लॉस एंजिल्स के 500 वर्ग मील (1,300 वर्ग किलोमीटर) में समा सकते हैं.

2. पृथ्वी और चंद्रमा

हमारी पृथ्वी का व्यास (गोलाई) यानी एक छोर से दूसरे छोर की दूरी लगभग 12 हजार किलोमी​टर है. पृथ्वी लगभग पूर्ण गोलाकार है. इसकी भूमध्यरेखीय त्रिज्या (Equatorial Radius) 6,378 किलोमीटर है, लेकिन इसकी ध्रुवीय त्रिज्या (Polar Radius – केंद्र से एक छोर की ​दूरी) 6,357 किलोमीटर है. दूसरे शब्दों में कहें तो हमारी पृथ्वी ध्रुवों की तरफ थोड़ी चपटी है.

अब अगर चंद्रमा की बात करें तो पृथ्वी से इसकी औसत दूरी 2,38,000 मील यानी 3,83,500 किलोमीटर है. चंद्रमा का व्यास 2,159 मील (3,475 किलोमीटर) है और यह पृथ्वी के आकार का सिर्फ एक चौथाई है.

3. हमारा सूर्य

इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिक यूनियन (IAU) के अनुसार, हमारा सूरज (Sun) धरती से औसतन 1,49,59,78,70,700 मीटर या 14,95,97,871 किलोमीटर दूर है. हमारा सूर्य 4.5 अरब वर्ष पुराना तारा है. यह हाइड्रोजन और हीलियम का एक गर्म चमकता हुआ गोला है, जो हमारे सौर मंडल के केंद्र में स्थित है. इतना ही सूर्य की ऊर्जा के बिना हमारे ग्रह पृथ्वी पर जीवन कल्पना भी नहीं की जा सकती.

सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है. इसका व्यास लगभग 8,65,000 मील यानी 14 लाख किलोमीटर है. इसका गुरुत्वाकर्षण हमारे सौर मंडल को एक साथ बांधे रखता है. इसकी वजह से सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रहों से लेकर सबसे छोटे मलबे तक सब कुछ इसके चारों ओर परिक्रमा करते रहते हैं.

हमारा सूर्य एक मध्यम आकार का तारा है, जिसकी त्रिज्या (केंद्र से किनारे तक की दूरी) लगभग 4,35,000 मील (7,00,000 किलोमीटर) है. सूर्य हमारी पृथ्वी से कहीं ज्यादा विशाल है. सूर्य के द्रव्यमान (Mass) की बात करें तो इससे मेल खाने के लिए 3,30,000 से ज्यादा पृथ्वी की जरूरत होगी. इतना ही नहीं सूरज की विशालता की कल्पना इस बात से की जा सकती है कि यह इतना बड़ा है कि इसमें 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं.

4. बृहस्पति ग्रह

हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (Jupiter) है. इसका द्रव्यमान सौर मंडल के सभी ग्रहों के कुल द्रव्यमान से दोगुना है तथा पृथ्वी से 318 गुना अधिक है. बृहस्पति के आकार के गोले में लगभग 1,321 पृथ्वी समा सकती हैं. इसका सतही क्षेत्रफल लगभग 61.5 अरब वर्ग किलोमीटर है, जो पृथ्वी से 312 गुना अधिक है. यहां दिन लगभग 10 घंटे का होता है.

बृहस्पति का वायुमंडल सौरमंडल में सबसे बड़ा है, जो मुख्यत: हाइड्रोजन (लगभग 90%) और हीलियम (10%) से बना है तथा इसमें थोड़ी मात्रा में मीथेन, अमोनिया और अन्य गैसें और एरोसोल भी मौजूद हैं.

जहां पृथ्वी का सिर्फ एक चंद्रमा है, वहीं बृहस्पति के चंद्रमा की संख्या 92 है. इन 92 चंद्रमाओं में से 12 की खोज फरवरी 2023 में की गई थी. बृहस्पति का सबसे बड़ा चंद्रमा गेनीमीड (Ganymede) है. यह प्लूटो और बुध दोनों ग्रहों से बड़ा है और एक मात्र चांद ऐसा है, जिसका आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र है.

5. सूर्य और सबसे दूर का ग्रह

हमारे सौर मंडल में आठ ग्रहों (बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून) के साथ 5 बौने ग्रह (Ceres, Pluto, Haumea, Makemake और Eris), लाखों एस्टेरॉयड और करोड़ों उल्कापिंड हैं. प्लूटो कभी हमारे सौर मंडल का 9वां ग्रह था, लेकिन अब इसे बौने ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है. यह Kuiper Belt में स्थित है.

सूर्य से सबसे दूर के ग्रह यानी 8वें ग्रह नेच्यून की दूरी की बात करें तो यह 2.8 अरब मील यानी 4.5 अरब किलोमीटर है. नेपच्यून सूर्य से 30 खगोलीय इकाइयों (Astronomical Units) की दूरी पर है. एक खगोलीय इकाई (AU) सूर्य से पृथ्वी की दूरी है. इतनी ज्यादा दूरी के कारण सूर्य की किरणों को नेपच्यून तक पहुंचने में लगभग 4 घंटे लग जाते हैं.

नेपच्यून अंधेरा, ठंडा और सुपरसोनिक हवाओं से घिरा बर्फीला ग्रह है. सूर्य से पृथ्वी की जितनी दूरी है, उससे नेपच्यून 30 गुना से भी अधिक दूर है. नेपच्यून हमारे सौर मंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जो नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता. 1846 में अपनी खोज के बाद से साल 2011 में नेपच्यून ने अपनी पहली 165 साल की कक्षा (चक्कर) पूरी की थी.

6. ये तारें हैं हमारे सूर्य से कई गुना विशाल

हमारे ब्रह्मांड में अरबों-खरबों तारे हैं. हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा तारा सूर्य है और हमें लगता भी है कि ब्रह्मांड में यह सबसे बड़ा है. हालांकि ऐसा नहीं है. ब्रह्मांड में कई ऐसे तारे हैं, जिनकी ​तुलना में हमारा सूरज कुछ भी नहीं.

UY Scuti तारा: ब्रह्मांड में सबसे बड़ा ज्ञात तारा यूवाई स्कूटी (UY Scuti) है. इसकी अनुमानित त्रिज्या 1.188 अरब किलोमीटर है. अगर यूवाई स्कूटी हमारे सौर मंडल का केंद्र होता, तो इसका फोटोस्फीयर या बाहरी आवरण बृहस्पति की कक्षा से थोड़ा आगे तक पहुंच जाता.

यूवाई स्कूटी की खोज 1860 में जर्मन खगोलविदों ने की थी. उस समय इसका नाम BD-12 5055 रखा गया था. यह तारा हमारी पृथ्वी से लगभग 9,500 प्रकाश वर्ष दूर पाया जा सकता है. यह स्कूटम (Scutum) तारामंडल का एक हिस्सा है. सूर्य की औसत त्रिज्या लगभग 6,96,000 किलोमीटर या 432,450 मील है. यूवाई स्कूटी की तुलना में सूर्य की त्रिज्या 1,700 गुना छोटी है. यूवाई स्कूटी के अंदर लगभग 5 अरब सूर्य समा सकते हैं.

R136a1 तारा: यूवाई स्कूटी की बड़ी त्रिज्या इसे सबसे विशाल या सबसे भारी तारा नहीं बनाती. यह सम्मान R136a1 तारे को जाता है, जिसका वजन सूर्य के द्रव्यमान से लगभग 300 गुना है, लेकिन इसकी त्रिज्या केवल 30 सौर त्रिज्या है. इसकी तुलना में यूवाई स्कूटी का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से केवल 30 गुना है, लेकिन आयतन में यह बहुत बड़ा है.

WOH G64 तारा: एक समय ऐसा माना जाता था कि WOH G64 की चौड़ाई सूर्य की चौड़ाई से 3,000 गुना ज्यादा है. एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित 2009 के एक पेपर के अनुसार, नए मापों के अनुसार इसकी चौड़ाई लगभग 1,504 सूर्य जितनी है. यह लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड में एक लाल हाइपरजायंट तारा है, जो मिल्की वे की एक उपग्रह आकाशगंगा है.

नासा के अनुसार, Westerlund 1-26 तारे की चौड़ाई सूर्य की चौड़ाई से 1,500 गुना अधिक है. एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में 2012 में प्रकाशित एक शोधपत्र के अनुसार, NML Cygni नाम के तारे की चौड़ाई सूर्य की चौड़ाई से 1,639 गुना अधिक है. एस्ट्रोफिजिक्स ऑफ गैलेक्सीज जर्नल में 2020 के एक पेपर के अनुसार, KY Cygni तारे की चौड़ाई सूर्य की चौड़ाई से लगभग 1,033 गुना है.

VY Canis Majoris तारा: हाल ही में सोलर एंड स्टेलर एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में 2012 के एक पेपर में वीवाई कैनिस मेजरिस तारे को सूर्य की चौड़ाई से लगभग 1,420 गुना मापा गया है. इस लाल हाइपरजायंट तारे का आकार कभी सूर्य की चौड़ाई से 1,800 से 2,200 गुना होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन नए मापों ने इसे आकार में छोटा कर दिया है. हालांकि, कुछ स्रोत अभी भी इसे सबसे बड़े तारे के रूप में सूचीबद्ध करते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read