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IMF Indian Economy: इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपना अनुमान घटाया है लेकिन फिर भी भारत के लिए एक खुशखबरी है.

अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छी खबर आई है. देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ पहली तिमाही (Q1FY24-अप्रैल-जून) में 7.8% रही. ऐसा ही रहा तो भारत जल्द चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.

पीएम ने लिखा, "जून 2014 में, उत्तर प्रदेश ने मामूली 1.65 लाख आईटीआर फाइलिंग की सूचना थी, लेकिन जून 2023 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 11.92 लाख हो गया."

Supriya Shrinate: कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि 67 साल में जहां 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया, वहीं मोदी जी ने अपने 9 साल में इसको तिगुना करके 155 लाख करोड़ पहुंचा दिया.

हालांकि World Bank ने एक ओर भारत की ग्रोथ रेट को कम किया गया है तो वहीं दूसरी ओर ग्लोबल ग्रोथ रेट में सुधार हुआ है.

काफी समय हो गया है जब लगभग सभी आर्थिक संकेतकों ने ऊपर की ओर इशारा किया है। नए वित्तीय वर्ष के केवल दो महीने बीतने के साथ, यह आने वाले महीनों के लिए अच्छी खबर लेकर आने की उम्मीद की तरफ इशारा है.

भारत की जीडीपी विकास दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ये आंकड़े जारी किये.

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर ब्लूमबर्ग की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था अपनी विकास की गति को बनाए रखेगी. 26 अर्थशास्त्रियों की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में में ये अनुमान लगाया गया है कि जनवरी से लेकर …

मूडीज निवेशक सेवा का कहना है, "भारत की उच्च-नौकरशाही की लेट-लतीफी के चलते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के तौर पर भारत का आकर्षण घट जाएगा. खास तौर पर तब, जब इस क्षेत्र में वियतनाम और इंडोनेशिया जैसी दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं."

केंद्रीय बैंक के मुताबिक, “विनेश की गतिविधियों में सुधार का अनुमान है. सार्वजनिक व्यय में पूंजीगत खर्च पर जोर देने और कमोडिटी की कीमतों में कमी आने से अर्थव्यवस्था को ताकत मिल ही है.”