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Joe biden

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में अब तक हजारों जानें जा चुकीं. इस बीच कई वीडियो वायरल हुए, जिसमें हमास को लोग टैरर संगठन मानने से इनकार कर रहे हैं. इसके साथ ही ये सवाल उठने लगा कि कोई देश किस आधार पर इंटरनेशनल गुट को आतंकी मानता है.

80 साल के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का इजराइल दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हमास लगातार इजराइल पर रॉकेट बरसा रहा है। ऐसे में इजराइल में राष्ट्रपति बाइडेन के सामने सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सिक्योरिटी की भी बड़ी चुनौती होगी। ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें भी किसी बंकर में पनाह लेनी पड़े।

गाजा पट्टी में स्थित अल अहली अरब अस्पताल अब तक का सबसे भीषण प्रहार हुआ है. इस हमले में 500 लोग मारे गए हैं. गाजा ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है तो इजरायल ने साफ साफ कहा है कि ये फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद का रॉकेट था जो मिसफायर होकर अस्पताल पर गिरा.

इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध में इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर हिए जा रहे हमले में अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायली सैनिक लगातार गाजा पर बमबारी कर रहे हैं.

इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमास का खात्मा जरूरी है, लेकिन गाजा पर कब्जा इजराइल की बड़ी गलती होगी। बाइडेन के मुताबिक हमास ने बर्बरता की है। इस संगठन का खात्मा जरूरी है, लेकिन फिलिस्तीनियों के लिए भी देश होना चाहिए, अलग सरकार होनी चाहिए।

हमास के हमले को 48 घंटे भी नहीं बीते थे बाइडेन प्रशासन के सीनियर अधिकारियों की मीटिंग ने इजराइल में गोला-बारूद की कमी की तरफ ध्यान खींचा। अमेरिका ने एम्युनिशन की पहली खेप इजराइल पहुंचा दी है। इस जंग का अंजाम पता नहीं, इसलिए ऐसी बहुत सारी मदद भेजनी पड़ सकती है।

इजरायल में हमास ने नरसंहार किया है. एक हजार लोगों की हत्या की है. तमाम परिवार अपने लोगों की लाशों का इंतजार कर रहे हैं.

फिलिस्‍तीनी आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह अचानक इजराइल पर हमला किया था. करीब 20 मिनट में 5 हजार से ज्यादा मिसाइलें दागीं. हमले में 700 लोगों की इजराइल में अब तक मौत हो चुकी है, 2100 से ज्यादा लोग घायल हैं. 413 फिलिस्तीनी भी मारे गए हैं और 2000 से ज्यादा घायल हैं.

अमेरिका हाल ही में यूक्रेन को एफ-16 देने के लिए भी तैयार हुआ है। हालांकि इसका फायदा दिखने में भी अभी लंबा वक्त दिखेगा।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अफसर के मुताबिक यूएस को किसी एक को चुनना पड़ा तो वो कनाडा के मुकाबले भारत को चुनेगा. माइकल रूबिन ने कहा है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते बेहद अहम हैं. कनाडा की भारत से लड़ाई बिल्कुल वैसी है, जैसे किसी हाथी और चींटी की होती है.