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Rajasthan Election 2023

पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता, जी-20 का सफल आयोजन और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अगले लक्ष्य का जिक्र भी किया है.

देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. जिसके साथ ही राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. इसी बीच बीजेपी ने राजस्थान में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है.

BJP Candidate List: गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपने कई बड़े दिग्गज नेताओं, मंत्रियों और सांसदों को मैदान में उतार दिया है. यही फॉर्मूला बीजेपी अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अपना रही है. पार्टी ने 7 सांसदों को मैदान में उतार दिया है.

जेजेपी और बीजेपी के बीच खींचतान नई नहीं है. किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी का समर्थन करने पर दुष्यंत चौटाला को अपनी ही पार्टी के नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी थी.

राजस्थान में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव साल 2013 और 2018 के चुनावों से अलग हैं। पिछले दोनों चुनावों में राहुल गांधी लीड कर रहे थे, लेकिन इस बार खुद मुख्यमंत्री गहलोत फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। 2003, 2008 व 2013 के चुनाव वसुंधरा V/S गहलोत थे।

First Voter: प्रदेश में इस बार सत्ता की 'चाभी' फर्स्ट वोटर्स के हाथ में जा सकती है, क्योंकि इस बार चुनाव में 22 लाख 6 हजार से ज्यादा ऐसे वोटर्स हैं, जो पहली बार सरकार के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थकों का कुनबा बीजेपी में एक बार फिर तेजी के साथ बढ़ रहा है. बीते दिनों वसुंधरा के करीबियों में शुमार देवी सिंह भाटी ने बीजेपी में वापसी की थी.

राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे। बैठक में बीजेपी की पहली लिस्ट पर चर्चा के बाद अंतिम मुहर लगी। बैठक में 40 से 50 प्रत्याशियों के नाम तय हैं।

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। जल्द ही पार्टी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती है। इधर माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी, आरएसएस के सुझाव को मान सकती है। अगर ऐसा होता है तो जयपुर की विधानसभा सीटों पर बदलाव देखने को मिल सकता है।

राजस्थान में बीजेपी की पहली सूची का इंतजार हो रहा है। परिवारवाद को लेकर भी बीजेपी ने रणनीति साफ कर दी है है। माना जा रहा है कि जिन वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा का टिकट दिया गया है, अब उनके परिवार से किसी को भी लोकसभा चुनाव में सांसद का टिकट नहीं दिया जाएगा।