Bharat Express

research magazine ‘Lok Sambhask’

डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि संप्रेषण के अनेक माध्यम हैं। प्यार और संकेत की भाषा पूरी दुनिया में एक है। हम भारतीयों के डीएनए में प्यार और सहिष्णुता है जिसे दुनिया स्वीकार करती है।