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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को रूस, चीन, पाकिस्तान और शंघाई सहयोग संगठन के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के लिए एक भव्य स्वागत समारोह की मेजबानी की.

भारत व्यापार असंतुलन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के विषय को रूस के समक्ष उठाता रहा है जो अभी मास्को के पक्ष में है.

sco summit 2023 goa: रूसी और मंदारिन वर्तमान में एससीओ में आधिकारिक और कामकाजी भाषाओं के रूप में उपयोग की जाती हैं. ग्रुप के दस्तावेज भी इन्हीं दो भाषाओं में तैयार किए जाते हैं.

सूत्रों ने कहा कि जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री लावरोव अपनी बैठक में व्यापार और वाणिज्यिक जुड़ाव पर ध्यान देने के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे.

S Jaishankar: आधिकारिक सूत्रों ने ये पुष्टि जरूर की है कि जयशंकर गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष किन गैंग से मुलाकात करेंगे, जो दो महीने में उनकी दूसरी द्विपक्षीय बातचीत होगी

ऐसे में ‘2023 को भारत का साल’ बताने वाली अमेरिका की भविष्‍यवाणी सच साबित होती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने के हमारे प्रयास इस सफर को और आसान कर सकते हैं।

चीनी आक्रामकता, भारत की त्वरित, दृढ़ प्रतिक्रिया और 3 वर्षों के गतिरोध से चीन को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ है.

S. Jaishankar: एस जयशंकर ने कहा कि कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने ट्वीट किया, ‘‘अगले महीने अपनी भारत यात्रा से पहले आज सुबह डॉ. एस. जयशंकर से मिलना बहुत अच्छा रहा.

Fiji: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का ही परिणाम है कि हम एक नए भारत का निर्माण होता देख रहे हैं.