चांद के अंधेरे वाले हिस्से पर पहुंचा चीन का चैंग'ई-6 मिशन
China Moon Mission Chang’e 6 Landing: भारतीय मून मिशन चंद्रयान-3 के बाद पड़ोसी देश चीन ने भी पिछले माह अपना मून मिशन लॉन्च किया था, जिसका चैंग’ई-6 मून लैंडर अब चांद पर उतर चुका है. चाइनीज स्पेस साइंटिस्ट्स ने दावा किया है कि उनके इस मिशन में चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने पृथ्वी पर लाए जाएंगे.
चैंग’ई-6 मून लैंडर की लैंडिंग को चीन के मून मिशन के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि चीन चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने वाला पहला देश बनना चाहता है. चीन की स्पेस एजेंसी का दावा है कि उनका चैंग’ई-6 लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन में उतरा है. वहां से चंद्रमा की सतह के नमूने इकट्ठा करना शुरू करेगा.
पहली बार चीन ने वर्ष 2019 में की थी ऐसी लैंडिंग
यह तस्वीर चांद की उस जगह की है जहां चीन के चैंग’ई-6 ने लैंडिंग की है. यहां अंधेरा रहता है, इसलिए चैंग’ई-6 चीन का अब तक का सबसे मुश्किल मून मिशन है. हालांकि, चीन के लैंडर ने पहले भी चांद के सुदूर हिस्से में लैंडिंग की थी. पहली बार चीन ने 2019 में अपने चैंग’ई-4 मिशन के जरिए ऐसा किया था.
चैंग’ई-6 ने चांद पर अमेजिंग लैंडिंग की: चीनी मीडिया
चीन की सरकारी मीडिया की ओर से कहा गया कि जून की शुरूआत में चैंग’ई-6 ने चांद पर “अमेजिंग लैंडिंग” पूरी की, जिसने अब दुनियाभर का ध्यान खींच लिया है. स्पेस साइंटिस्ट्स का कहना है कि चंद्रमा के सामने वाले हिस्से पर उतरने की तुलना में चंद्रमा के पिछले हिस्से पर उतरना एक महत्वपूर्ण कदम है.
लैंडर मून की बैकसाइड सैंपलिंग का काम शुरू करेगा
चीनी सरकार के बयान में कहा गया, “चंद्रमा पर चैंग’ई-6 का सफलतापूर्वक उतरना तो बस शुरुआत है. उसके बाद, लैंडर आधिकारिक तौर पर चंद्र बैकसाइड सैंपलिंग का काम शुरू करेगा, जो लगभग 2 दिनों तक चलेगा और चंद्र नमूनों को अलग से एकत्र करेगा. असल में यह प्रक्रिया चीनी एयरोस्पेस कर्मियों की बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता से भरी है.”
— भारत एक्सप्रेस
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