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पृथ्वी से टकराया सौर तूफान: धरती पर ब्लैक आउट का खतरा बढ़ा, स्‍पेस एजेंसियों का दावा- यह सूर्य के ‘विस्‍फोट’ का नतीजा

सौरमण्‍डल में शक्तिशाली तूफान आया है, वो स्‍पेस एजेंसियों के रिकवरी प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. उसके कारण धरती पर रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में गिरावट आने का खतरा है.

अंतरिक्ष में पृथ्वी की ओर धधकती सूर्य की तीव्र लपटें. प्रतीकात्मक तस्वीर

अंतरिक्ष में पृथ्वी की ओर धधकती सूर्य की तीव्र लपटें. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Solar Storm 2024: सौरमण्‍डल में सूर्य के चारों ओर घूमते रहने वाली पृथ्वी से बीते रोज एक शक्तिशाली सौर तूफान टकराया है. अमेरिका की स्‍पेस एजेंसियों की ओर से कहा गया है कि इस ऐसे तूफानों के कारण ब्लैक आउट का खतरा बढ़ रहा है. हाल में ही सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) विस्फोट हुआ, जिसके बाद तूफान आया.

यू.एस. नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, यह शक्तिशाली सौर तूफान गुरुवार को पृथ्वी से टकराया. स्‍पेस एजेंसियां फिक्रमंद हैं कि ये तूफान हेलेन और मिल्टन से निपटने के लिए किए जा रहे रिकवरी प्रयासों को प्रभावित कर सकता है.

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2.4 मिलियन किमी प्रति घंटे थी रफ्तार

एनओएए के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र (SBPC) के अनुसार, मंगलवार शाम को सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) विस्फोट हुआ और गुरुवार सुबह 11:15 बजे (EST) लगभग 1.5 मिलियन मील प्रति घंटे (2.4 मिलियन किमी प्रति घंटे) की गति से पृथ्वी पर पहुंचा.

न्‍यूज एजेंसी शिन्हुआ ने एसडब्ल्यूपीसी के हवाले से कहा, ”तूफान जी4 (गंभीर) स्तर पर पहुंच गया. इसे जी4 जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच के रूप में वर्गीकृत किया गया है. गुरुवार और शुक्रवार को जी4 या उससे अधिक जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच प्रभावी रहा.

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एसडब्ल्यूपीसी, जियोमैग्नेटिक तूफान की स्थितियों को लेकर चेतावनियां और अलर्ट जारी करता है.

रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव

एनओएए के अनुसार, यह तूफान हेलेन और मिल्टन तूफानों के लिए चल रहे रिकवरी प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में गिरावट शामिल है.

सीएमई, सूर्य के कोरोना से चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा द्रव्यमान का बहुत बड़ा उत्सर्जन है. जब वे पृथ्वी की ओर आता है, तो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ी पैदा करता है, जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है. इससे रेडियो ब्लैकआउट, बिजली कटौती का खतरा बढ़ जाता है.

– भारत एक्‍सप्रेस

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