
पांच साल के लिए NHM को बढ़ाया गया.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पिछले तीन वर्षों की प्रगति की समीक्षा के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी.
2005 में शुरू हुई थी योजना
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के रूप में पहली बार 2005 में शुरू की गई इस योजना को कई बार बढ़ाया गया है, जिसका सबसे हालिया विस्तार 2021 में दिया गया है जो 2026 तक चलेगा. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य पर एनएचएम के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला.
कैबिनेट के एक बयान में कहा गया, “इस मिशन के प्रयास भारत के स्वास्थ्य सुधारों के लिए अभिन्न रहे हैं, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान. इसने देश भर में अधिक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.”
योजना ने बदल दिया स्वास्थ्य परिदृश्य
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि एनएचएम के चल रहे प्रयासों ने भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे देश 2030 की समय सीमा से काफी पहले अपने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है. 2021 में अपने सबसे हालिया विस्तार के बाद से, एनएचएम ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, रोग उन्मूलन और स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे में पर्याप्त प्रगति की है.
योजना से लोगों को मिल रहा लाभ
मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 2014-16 में प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 130 से घटकर 2018-20 में प्रति 100,000 पर 97 हो गई. इसी तरह, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 39 से घटकर 2020 में लगभग 28 हो गई.
बयान में कहा गया है, “ये सुधार दर्शाते हैं कि भारत 2030 से पहले ही मातृ, शिशु और शिशु मृत्यु दर के लिए अपने सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है.”
वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच, एनएचएम ने 1.2 मिलियन से अधिक अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया, जिनमें सामान्य ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (जीडीएमओ), विशेषज्ञ, स्टाफ नर्स, सहायक नर्स दाइयां (एएनएम), आयुष डॉक्टर, संबद्ध स्वास्थ्य कर्मी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधक शामिल हैं.
इस मिशन ने जनवरी 2021 और मार्च 2024 के बीच कोविड-19 वैक्सीन की 2.2 बिलियन से अधिक खुराकें देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एनएचएम ने तपेदिक (टीबी) जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की घटनाओं को कम करने और उनकी निगरानी में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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गोयल ने कहा, “राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत, क्षय रोग के मामले 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से घटकर 2023 में 195 हो गए हैं, तथा इसी अवधि के दौरान मृत्यु दर 28 से घटकर 22 हो गई है.”
एनएचएम ने खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम और राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन सहित प्रमुख कार्यक्रमों के विस्तार की भी देखरेख की है.
-भारत एक्सप्रेस
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