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अब एक्सप्रेस-वे पर 20KM तक नहीं देना होगा कोई टोल, अब आ गया ये नया GNSS सिस्टम, जानें कैसे करेगा ये काम

Toll Tax Rule: केंद्र सरकार ने टोल नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियम में अगर आपका घर किसी टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर की परिधि में हैं तो आपको नेशनल हाईवे पर चलते हुए संबंधित टोल प्लाजा पर बार-बार टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं है.

Toll Tax Rule

Toll Tax Rule

Toll Tax Rule: केंद्र सरकार ने टोल नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियम में अगर आपका घर किसी टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर की परिधि में हैं तो आपको नेशनल हाईवे पर चलते हुए संबंधित टोल प्लाजा पर बार-बार टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा, हर जगह टोल प्‍लाजा पर रुकने का झंझट भी खत्‍म हो जाएगा. सैटेलाइट के जरिए टोल टैक्‍स की वसूली होगी. इसके लिए सरकार ने 4 हाईवे पर ट्रायल भी कर लिया है.

जानें कैसे बनेगा मंथली फास्टैग

नियम के मुताबिक 20 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोगों का 300 रुपये में और 10 किलोमीटर की परिधि में रहने वालों का महज 150 रुपये में मंथली फास्टैग बन सकता है. जिसके बाद हर बार वे टोल प्लाजा पर बिना रुके निकल सकते हैं. ऐसे में उनके फास्टैग एकाउंट से टोल टैक्स का कोई चार्ज नहीं कटेगा. यानि महज 300 रुपये महीने में एक बार भरकर अनलिमिटेड ट्रिप कर सकते हैं.

इस फास्‍टैग से कितना अलग है?

दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 को संशोधित कर GPS के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह शुरू करने का ऐलान किया है. आपको बता दें कि सरकार इस नए तरीके में GPS पर आधारित होगा. GPS के सहारे सैटेलाइट से टोल टैक्‍स लिया जाएगा. जैसे ही 20KM की दूरी पूरी होगी, टोल ऑटोमैटिक कट जाएगा.

अगर ये गलती की तो दोगुना वसूले जाएंगे पैसे

नोटिफिकेशन के मुताबिक, गाड़‍ियों पर पहले GPS इंस्‍टॉल कराया जाएगा. GNSSOBU वाली गाड़ियों के लिए एक स्‍पेशल लेन तैयार की जाएगी और अगर अन्‍य वाहन इस लेन पर आते हैं तो उनसे दोगुना टोल वसूल किया जाएगा. वहीं जिन गाड़‍ियों पर नेशनल परमिट नहीं है, उन्‍हें एक दिन में दोनों तरफ 20 किलोमीटर की यात्रा के लिए छूट दी जाएगी.

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कैसे काम करेगा?

  • इस प्रणाली में वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस लगी होती है. टोल रोड पर प्रवेश करते ही राजमार्ग प्रणाली वाहन की यात्रा को ट्रैक करती है.
  • राजमार्ग से बाहर निकलने पर तय दूरी के अनुसार वाहन से जुड़े बैंक खाते से टोल राशि कट जाती है.
  • नंबर प्लेट की पहचान के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरों का प्रयोग किया जाता है.
  • पंजीकरण संख्या, भुगतान विवरण जीपीएस से प्राप्त की जाती है.
  • इस प्रणाली से टोल प्लाजा की जरूरत नहीं होती, जिससे यात्रियों का समय और ईंधन बचता है.
  • इसका फायदा यह होगा कि टोल गेट पर वाहनों को अधिक देर तक रुकने की आवश्यकता नहीं होगी.

कैसे कटेगा टोल?

सैटेलाइट सिस्‍टम पहले GPS से आपके गाड़ी की दूरी का पता करेगा, फिर आपके नंबर प्‍लेट, फास्‍टैग या अन्‍य चीज को रिकॉन्‍गनाइज करके टोल काटेगा. टोल की कटौती ऑटोमैटिक हो जाएगी. टोल कटने के बार SMS के माध्‍यम से आपको जानकारी दे दी जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस 

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