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अब बढ़ेगी उत्तर प्रदेश के किसानों की आय, वर्ल्ड बैंक ने नई परियोजना के लिए लोन किया मंजूर, जानें कैसे होगा फायदा

वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने उत्तर प्रदेश में 325.10 मिलियन डॉलर की परियोजना को मंजूरी दी है. ऐसे में चलिए जानते हैं किसानों को कैसे होगा फायदा.

Farmers' income will increase

किसानों की आय बढ़ेगी

Uttar Pradesh Farmers: केंद्र सरकार आए दिन अपने देश के नागरिकों को ध्यान में रखते हुए कोई न कोई सहायता करती ही है. इस बीच वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने उत्तर प्रदेश में 325.10 मिलियन डॉलर की परियोजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य बेहतर फसल उत्पादकता, डिजिटल टेक्नोलॉजी और जलवायु-अनुकूल प्रैक्टिस को अपनाने के साथ बाजार संबंधों को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाना है. शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य इन पहलों का समर्थन करने के लिए 15 मिलियन डॉलर के निजी वित्त का लाभ उठाना भी है. ऐसे में चलिए जानते हैं किसानों को कैसे होगा फायदा?

किसानों को कैसे होगा फायदा?

325.10 मिलियन डॉलर की यूपी-एग्रीस योजना कृषि वैल्यू चेन को मजबूत करेगी, वित्त तक पहुंच में सुधार करेगी और वैल्यू एडिशन के अवसर पैदा करेगी. इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (ईकेसीसी) जैसे ऋण तक पहुंच को अधिक समय पर, किफायती और पारदर्शी बनाने के लिए नवीन वित्तीय साधन शुरू किए जाएंगे. बयान में कहा गया है कि इस परियोजना से राज्य के पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्रों के दस लाख उत्पादकों को लाभ होगा.

जलवायु अनुकूल तकनीक पर जोर

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, “यह परियोजना कम मीथेन वाले चावल की किस्मों, चावल के अवशेषों को इकट्ठा कर बायोगैस में बदलने और उर्वरक के अनुकूलित उपयोग जैसी सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देगी, जिससे जलवायु परिवर्तन पर कृषि के प्रभाव को कम किया जा सकेगा और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना जलवायु अनुकूलन रणनीतियों में सरकारी अधिकारियों और किसानों की क्षमता निर्माण के लिए एक समर्पित केंद्र भी स्थापित करेगी.”

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इकोसिस्टम को मजबूत करने में करेगी मदद

इंटरनेशनल बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) से 325.10 मिलियन डॉलर के ऋण की फाइनल मैच्योरिटी 33.5 वर्ष है, जिसमें छह वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है. यह परियोजना डिजिटल सेवाओं और एग्रीकल्चर फाइनेंस के लिए इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगी. यह निजी क्षेत्र की संस्थाओं को बाजार आधारित दृष्टिकोणों के माध्यम से समाधान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

परियोजना के संभावित लाभ

परियोजना के टास्क टीम लीडर विनायक घटाटे, एंड्रयू गुडलैंड और हर्ष झांजरिया ने कहा, “यह परियोजना जलवायु-अनुकूल और कटिंग-एज डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने, फार्मगेट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और स्थानीय एवं वैश्विक स्तर पर बाजार संबंधों को मजबूत करने के लिए विशेष रूप से महिला किसानों और उद्यमियों के साथ काम करेगी.”इस परियोजना से उत्पादकता में सुधार, रोजगार सृजन और आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी. बयान में कहा गया है कि परियोजना के लिए फ्रांस, इजरायल और गेट्स फाउंडेशन की सरकारों सहित विभिन्न स्रोतों से संसाधन जुटाए जाएंगे.

-भारत एक्सप्रेस 



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