Delhi High Court
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता सहित अन्य की ओर से कैग की विभिन्न रिपोर्टों को सदन में पेश करने के लिए विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की मांग याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और छह भाजपा विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और दिल्ली सरकार तथा विधानसभा अध्यक्ष के वकीलों की दलीलें सुनीं.
पिछली सुनवाई में न्यायालय ने दिल्ली सरकार ने विधानसभा के समक्ष सीएजी की रिपोर्ट पेश करने में देरी की और स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. न्यायालय ने यह भी कहा था कि सत्र बुलाना विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार है और सवाल किया था कि क्या विधानसभा अध्यक्ष को ऐसा करने के लिए आदेश दिया जा सकता है, खासकर तब जब चुनाव नजदीक हों.
याचिका में दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री को 14 सीएजी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का निर्देश देने की मांग की गई है और विधानसभा अध्यक्ष को विशेष बैठक बुलाने और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल एक याचिका दायर कर दिल्ली सरकार को वित्त, प्रदूषण, प्रशासन और शराब से संबंधित सीएजी रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजने का निर्देश देने की मांग की थी ताकि वे इसे विधानसभा के समक्ष पेश कर सकें.
नई याचिका में याचिकाकर्ताओं ने 16 दिसंबर, 2024 को दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए बयान का हवाला दिया है कि रिपोर्ट दो से तीन दिनों के भीतर अध्यक्ष को भेज दी जाएगी. याचिका में दावा किया गया है कि 12 दिसंबर, 2024 तक सीएजी रिपोर्ट अध्यक्ष को प्राप्त नहीं हुई थी जो कि न्यायालय के समक्ष दिए गए बयान का स्पष्ट उल्लंघन है.
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-भारत एक्सप्रेस
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