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Varanasi: जिला जेल में डॉ. वेंकटेश की मौत से उठ रहे गंभीर सवाल, पत्नी प्रियंका गौड़ ने पुलिस पर लगाए हत्‍या के आरोप

वाराणसी जेल में बंद डॉक्टर वेंकटेश की जान चली गई. उनकी पत्नी ने जेल प्रशासन पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उन्‍होंने कहा- दवा न देने और मारपीट के कारण मेरे पति की हालत बिगड़ी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई.

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

Doctor Venkatesh Death in Varanasi: उत्‍तर प्रदेश में वाराणसी जिला जेल में बंद डॉक्टर वेंकटेश की मौत ने जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी पत्नी प्रियंका गौड़ ने जेल अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और हत्या का आरोप लगाया है.

प्रियंका ने पुलिस निरीक्षक को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनके पति की मौत जेल में दवा न देने और मारपीट के कारण हुई.

जेलकर्मियों पर षड्यंत्र रचने, भ्रष्टाचार के आरोप

डॉक्टर वेंकटेश की पत्‍नी प्रियंका गौड़ के अनुसार, वेंकटेश ने अजय तिवारी को 11 जून 2024 को ऑनलाइन 35,000 रुपये उधार दिए थे. अजय और उनके भाई संजय तिवारी ने इस राशि को न लौटाने के लिए वेंकटेश को फंसाने की साजिश रची.

संजय, जो खुद को डॉक्टर बताता था, ने बांसडीह रोड पर अवैध रूप से जनऔषधि केंद्र संचालित किया, जिसे वेंकटेश ने बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद, अजय और संजय ने सतर्कता समिति, वाराणसी के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर वेंकटेश पर रिश्वत मांगने का झूठा आरोप लगाया.

12 जून 2025 को अजय ने 20,000 रुपये लौटाने के बहाने वेंकटेश को जाल में फंसाया, और सतर्कता समिति ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

जेल में डॉक्टर वेंकटेश से अमानवीय व्यवहार

प्रियंका ने बताया कि जेल में वेंकटेश को उनकी आवश्यक दवाएं नहीं दी गईं, जो हाइपरटेंशन और माइग्रेन के लिए जरूरी थीं. जेल अधीक्षक और जेलर ने कथित तौर पर 1.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी. वेंकटेश की शिकायत पर उन्हें 3-4 अज्ञात बंदी रक्षकों ने पीटा, उनके कपड़े फाड़े, और दवाएं छीनकर फेंक दीं. 16 जून 2025 को प्रियंका ने जेल में अपने पति से मुलाकात की, जहां उन्होंने देखा कि उनकी हालत गंभीर थी. उसी दिन प्रियंका ने वाराणसी कोर्ट में दवा और इलाज के लिए याचिका दायर की, लेकिन तब तक वेंकटेश की मौत हो चुकी थी.

उच्‍चाधिकारियों से न्याय दिलाने की गुहार

प्रियंका ने अजय तिवारी, संजय तिवारी, सतर्कता समिति के 12 सदस्यों, जेल अधीक्षक, जेलर और अज्ञात बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित हत्या थी, जिसमें जेल प्रशासन और सतर्कता समिति के लोग शामिल थे. इस मामले ने जेल सुधार और कैदियों के अधिकारों पर बहस छेड़ दी है.

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