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Kashi Ka Kayakalp: भारत एक्‍सप्रेस के कॉन्‍क्‍लेव में ADG पीयूष मोर्डिया और वाराणसी CP मोहित अग्रवाल ने क्या कहा?

एडीजी (वाराणसी जोन) पीयूष मोर्डिया ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के बारे में पुलिसकर्मी लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वहीं पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि आमजन डिजिटल अरेस्ट करने वालों के बहकावे में बिल्कुल न आएं, इसकी तत्काल शिकायत दर्ज कराएं.

up police officers

यूपी पुलिस के एडीजी पीयूष मोर्डिया और वाराणसी के पुलिस कमिश्नर (CP) मोहित अग्रवाल

Kashi Ka Kayakalp Mega Conclave: भारत एक्‍सप्रेस न्‍यूज चैनल की ओर से बनारस में ‘काशी का कायाकल्‍प’ कॉन्‍क्‍लेव आयोजित किया गया. इसमें एडीजी (वाराणसी जोन) पीयूष मोर्डिया और वाराणसी के पुलिस कमिश्नर (CP) मोहित अग्रवाल भी पहुंचे. भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्‍द्र राय ने उनका स्वागत किया.

कार्यक्रम के दौरान पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा, “वाराणसी में देश-विदेश से रोज लाखों लोग आते हैं. इस दौरान वाराणसी में ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना बड़ा चैलेंज होता है. हमने जाम की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए. शहर में अतिक्रमण के खिलाफ भी अभियान चलाया गया है. ई-रिक्शा के लिए रूट तय किए गए हैं”.

हर थाने में महिला हेल्प डेस्क

उन्होंने आगे कहा, “अब वाराणसी में हर थाने पर महिला हेल्प डेस्क बनाए गए हैं. जहां महिलाएं बिना किसी डर के अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. नई टेक्नोलॉजी आने से अपराध के नए तरीके भी ईजाद हो रहे हैं, जिससे निपटने के लिए पुलिस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.” उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट और वर्चुअल थाने जैसी कोई भी व्यवस्था अब तक यूपी पुलिस में नहीं है.

इस साल 150 साइबर अपराधी पकड़े

CP मोहित अग्रवाल ने साइबर अपराधियों को पकड़े जाने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस साल करीब 150 साइबर अपराधी पकड़े गए हैं. साइबर अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के लिए तमाम हथकंडे अपनाते हैं. मैं आमजन के लिए कहना चाहूंगा​ कि डिजिटल अरेस्ट करने वालों के बहकावे में बिल्कुल न आएं, इसकी तत्काल शिकायत पुलिस में दर्ज कराएं.

‘डिजिटल अरेस्ट के प्रति जागरूक बना रहे’

वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने इस दौरान कहा, “वाराणसी जोन की कानून-व्यवस्था बहुत अच्छी है. सरकार खुद इस पर जोर दे रही है. पुलिस की भी कानून-व्यवस्था पर पैनी नजर है.” एडीजी मोर्डिया ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के बारे में पुलिसकर्मी गांव-गांव जाकर जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पुलिस कर्मियों को Polite रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम हो, लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़े. साथ ही कॉन्टैक्टलेस पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन FIR से लेकर अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं.”

‘महिला सुरक्षा के लिए चला रहे अभियान’

एडीजी पीयूष मोर्डिया ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों के आने से थाने के कल्चर में बड़ा बदलाव आया है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस विशेष अभियान चला रही है. वहीं, मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिसकर्मियों को अवसाद में जाने से बचाने के लिए काउंसिलिंग करवाने के साथ ही उन्हें जरूरत के हिसाब से छुट्टी भी दी जाती है. उन्हें परिवार की तरह ट्रीट किया जाता है.


एडीजी से CMD उपेन्‍द्र राय की बातचीत

बनारस जोन के एडीजी से बातचीत के दौरान भारत एक्‍सप्रेस के CMD उपेन्‍द्र राय ने कहा, “बनारस अब कमिश्नरेट में कन्वर्ट हो चुका है. बनारस को एक वर्ल्ड मैप पर लाने का एक अच्छा प्रयास भी सरकार का था. उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों जितने कमिश्नरेट बनाए, उसकी बिल्कुल तारीफ की जानी चाहिए. और अर्बनाइजेशन जिस तरह से बढ़ा है, लेकिन उसके साथ-साथ जो सी ग्रेड की सिटी हैं (जैसे गाजीपुर), वहां तो विकास कार्य होने बाकी हैं. मैं गाजीपुर से आता हूं. मेरा बचपन दसवीं क्लास तक गांव से ही गुजरा है. हम लोग साइकिल चलाकर पढ़ने जाते थे. तब की बात अलग थी, तब अलग-अलग माफिया गिरोह भी थे, अलग-अलग दल भी थे और तब कोल के ठेकों के लिए अलग-अलग तरह के यहां तक कि पीडब्ल्यूडी के ठेकों के लिए भी बोली लगती थी और बाहुबली उसको अपने तरीके से करते थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में वह सारी चीजें लगभग समाप्त हो गई हैं.”

उन्‍होंने कहा, “मुझे लगता है कि माफिया अब पूरी तरह से खत्‍म हो चुका है. अब जो क्राइम का नया रूप-प्रारूप, वो है- साइबर फ्रॉड, मेरा सवाल इसी से जुड़ा है. हमारे पूर्वी यूपी में कई जिलों का जोन ADG पीयूष मोर्डिया के अंडर आता है. इन जिलों में जैसे गाजीपुर पड़ता है, जौनपुर पड़ता है, मिर्जापुर पड़ता है, सोनभद्र पड़ता है. मुझे लगता है कि बलिया शायद अब आजमगढ़ में चला गया है. वो भी इसी जोन में है, इसी जोन में है तो इन सब जिलों में आमतौर पर साइबर फ्रॉड की किस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं? जिलों में या तहसीलों में, ब्लॉकों में, जो थाने हैं, वहां साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए क्या-कुछ किया गया है? कैसे उसको हैंडल डील करने की चीजें डेवलप की गई है?”

साइबर क्राइम से ऐसे निपट रही पुलिस: ADG

एडीजी (वाराणसी जोन) पीयूष मोर्डिया ने जवाब देते हुए कहा, “हमने साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर नजर रखनी शुरू की. उनके तौर-तरीकों को समझा. फर्ज कीजिए कि शासन ने पहले मिशन शक्ति जैसे कुछ कार्यक्रम चलाए, तो उनमें महिलाओं को भी गांव में भेजकर गांव की महिलाओं को समझा-बुझाया गया. इसके लिए हमारी महिला पुलिसकर्मियों को भी भेजा गया, कि वे गांव की महिलाओं को जागरुक करें.”

एडीजी आगे बोले, “हमारे बीड कांस्टेबल होते हैं, वह जगह-जगह पंचायत भवनों में, गांव के स्कूलों में, गांव के लोगों इकट्ठा करके उनको उदाहरण देते हुए यह बताते हैं कि किस प्रकार के अपराध घटते हैं. जहां पर बहुत ही सिंपलीफाई करने की आवश्यकता होती है, उन्हें समझाने के लिए वहां उस सिंपलीफिकेशन को किया जाता है. जैसे कि डिजिटल अरेस्ट की बात चल रही हैं. हमारे पुलिसकर्मी जिन्हें पहले से प्रशिक्षित किया गया है, वे लोगों के बीच जाते हैं. वे लोगों को बताते हैं कि भाई आपके घर में आप जब बैठे हो, अचानक से आपके पास एक फोन आया और फोन पर उस व्यक्ति ने आपको कहा कि आपके विरुद्ध बहुत बड़ी जांच चल रही है, आपने जो लोन लिया था उसमें एंबेजलमेंट हुआ. उसमें काफी सारा सरकारी पैसा है, जो आपने गलत तरीके से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया है. जबकि आपने नहीं किया है, मगर वे जालसाल कहते हैं कि इसकी जांच तो बाद में होगी. मगर जब तक हम आपसे बात कर रहे हैं, आप टेलीफोन पर बने रहेंगे.”

एडीजी ने कहा, “जालसाल फोन पर ही गांववाले व्यक्ति को यहां तक कह देते हैं कि महाराष्ट्र के गांव में कई बार ऐसा हुआ, जो कहते हैं कि तुम जो कर रहे हो अपने कमरे में बैठे हुए व हम लगातार देख रहे हैं. इसलिए टेलीफोन रखना मत अब. सबसे पहले जाओ अंदर जाओ उस कमरे में जहां भी पासबुक पड़ी है, निकाल के लाओ. अपना अकाउंट नंबर बोलो. उसके बाद थोड़ी देर बाद लगातार पूछेंगे कि ओटीपी क्या है, उनको सुनकर सामने वाला व्यक्ति इतना घबरा जाता है, इतना कंफ्यूजन में आ जाता है, कि उसे लगता है. वास्तव में लोग मुझे देख रहे हैं और अभी मुझे कुछ नहीं करना है. मैं तो मॉनिटर किया जा रहा हूं. मगर, अब पुलिस द्वारा समझाने-बुझाने पर लोगों को आजकल यह बातें समझ में आने लगी हैं.”

वीडियो में यहां देखिए एडीजी ने और क्‍या-कुछ कहा-


‘काशी का कायाकल्‍प’ कॉन्‍क्‍लेव का पूरा वीडियो यहां देखिए-

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-भारत एक्सप्रेस

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