'काशी का कायाकल्प' कॉन्क्लेव
भारत एक्सप्रेस न्यूज चैनल की ओर से आज ‘काशी का कायाकल्प’ कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है. इस कॉन्क्लेव में विभिन्न हस्तियों के माध्यम से बढ़ते-बदलते बनारस की तस्वीर को प्रदर्शित करने की कोशिश की जा रही है.
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि हैं. यह मेगा कॉन्क्लेव शुक्रवार, 25 अक्टूबर सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. कॉन्क्लेव शुरू होने से पहले उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भारत एक्सप्रेस परिवार को धन्यवाद देते हुए काशी वासियों को ‘काशी का कायाकल्प’ के लिए शुभकामनाएं दीं.
उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “भारत एक्सप्रेस द्वारा आयोजित किया जा रहा ‘काशी का कायाकल्प’ कॉन्क्लेव एक शानदार समारोह है. मैं इसके लिए भारत एक्सप्रेस का हृदय से आभार प्रकट करता हूं.”
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बीते 10 वर्षों में हुए काशी का कायाकल्प के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी में अभूतपूर्व प्रगति हुई है. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में, डेवलपमेंट के क्षेत्र में या हम कह सकते हैं कि बाबा विश्वनाथ के कॉरिडोर के निर्माण होने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है.”
उन्होंने कहा, “अब काशी में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, जो बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. भोलेनाथ की यह नगरी अब निरंतर प्रगति कर रही है. यह प्रतिदिन नए विकास के आयाम रच रही है.”
पीएम मोदी ने बदली काशी की तस्वीर
उप-मुख्यमंत्री बोले, “काशी में अब चाहे चौड़ी-चौड़ी सड़कें हों, या हवाई अड्डे तक पहुंचाने वाला एक्सप्रेसवे हो…चारों तरफ हमारी पेरिफेरल रोड्स हो या इंटरनल रोड्स. बिजली के तारों का जो जाल था उसको ग्राउंड के अंदर किया जाना हो या अन्य डेवलपमेंट के कार्य..इन सब चीजों में काशी ने अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है.”
इन बदलावों का श्रेय उन्होंने काशी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में लाखों-करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं, बहुत-सी परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं.
अनेक बार हुआ काशी का कायाकल्प
कायाकल्प का अर्थ होता है “नई ऊर्जा और जीवन” का संचार करना. यह एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति, संगठन या समुदाय अपने आत्म-सुधार, नवीनीकरण या परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाते हैं. आमतौर पर, इसे स्वास्थ्य, मानसिकता या जीवनशैली में सुधार के संदर्भ में देखा जाता है.
कायाकल्प में विभिन्न पहलुओं जैसे शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता, और सामाजिक संबंधों को सुधारने के लिए प्रयास किया जाता है. यह एक तरह से पुनर्निर्माण और विकास की प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति या समुदाय अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है.
काशी दुनिया की सबसे प्राचीन नगरियों में से एक है. यह ऐसा देश का इकलौता शहर है, जिसके तीन नाम हैं- काशी, वाराणसी और बनारस. बीते हजारों वर्षों के इतिहास में अनेकों बार अनेकों राजा-महाराजाओं द्वारा इसका कायाकल्प किया गया. देश के मौजूदा प्रधानमंत्री इसी शहर से सांसद हैं.
काशी प्रयागराज और अयोध्या नगरी से ज्यादा दूर नहीं है. इन दोनों नगरियों तक यहां से परिवहन के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं. और, मोदी सरकार इसकी देशभर से कनेक्टिवटी बढ़ाने पर जोर दे रही है.
– भारत एक्सप्रेस