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यूपी में ‘जाति देखकर एनकाउंटर’ के आरोपों में कितना दम? जानें क्या कहते हैं 2017 से लेकर 2023 तक के आंकड़े

विपक्ष का कहना है कि यूपी में हो रहे एनकाउंटर में जाति देखकर अपराधियों को मारा जा रहा है. समाजवादी पार्टी का तो यहां तक कहना है कि मुख्यमंत्री सजातीय अपराधियों को बचाते हैं.

UP Police Encounter

सांकेतिक तस्वीर.

साल 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से सीएम योगी अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर भी धड़ल्ले से कर रही है. जिसको लेकर विपक्षी पार्टियां कई तरह के सवाल भी खड़े कर रही हैं.

एनकाउंटर पर विपक्ष ने उठाए सवाल

विपक्ष का कहना है कि यूपी में हो रहे एनकाउंटर में जाति देखकर अपराधियों को मारा जा रहा है. समाजवादी पार्टी का तो यहां तक कहना है कि मुख्यमंत्री सजातीय अपराधियों को बचाते हैं और दूसरी जाति के अपराधियों का एनकाउंटर करवाते हैं. हाल ही में सुल्तानपुर में हुए एनकाउंटर को लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस योगी सरकार को घेरने में जुटी हुई हैं.

सपा दे रही मामले को तूल

बता दें कि एक डकैती की घटना में शामिल मंगेश यादव नाम के डकैत को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था. जिसके बाद से सपा इस मामले को तूल दे रही है.

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अब तक 183

वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से लेकर अप्रैल 2023 के बीच 183 अपराधियों का एनकाउंटर किया गया है. जिसमें मुस्लिम 61, ब्राह्मण 18, ठाकुर 16, जाट-गुर्जर 15, यादव 14, दलित 13, आदिवासी 3, सिख 2, ओबीसी 7 और अन्य 34 अपराधियों का एनकाउंटर किया गया है. कुल मिलाकर 183 एनकाउंटर हुए हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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