
Plastic waste (Source- IANS)

300 Ton Bio CNG Plant: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा को साफ-सुथरा और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब शहर के गीले कूड़े से न केवल ईंधन बनेगा, बल्कि इससे प्राधिकरण को आमदनी भी होगी.
प्राधिकरण ने अस्तौली गांव में लगभग 11.5 एकड़ भूमि रिलायंस बायो एनर्जी को लीज पर देकर वहां 300 टन प्रतिदिन (टीपीडी) क्षमता वाले बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना का कार्य शुरू करा दिया है. इस प्लांट का निर्माण कार्य शुक्रवार से शुरू हो गया है.
वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल की जाएगी गैस
यह प्लांट गीले कूड़े को प्रोसेस कर उससे बायो सीएनजी गैस तैयार करेगा, जिसका उपयोग वाहनों के ईंधन के रूप में किया जा सकेगा. इससे न केवल शहर में कूड़े के निस्तारण की समस्या हल होगी, बल्कि स्वच्छता मिशन को भी मजबूती मिलेगी.
प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. कुमार का निर्देशन
प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार के निर्देशन में इस परियोजना को अमलीजामा पहनाया गया है. प्राधिकरण की ओर से गीले कूड़े के निस्तारण के लिए 300 टीपीडी क्षमता वाले प्लांट के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी की गई थी. रिलायंस बायो एनर्जी ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया और सितंबर 2024 में उसे यह परियोजना सौंपी गई. मार्च 2025 में इस संबंध में कंपनी के साथ औपचारिक समझौता किया गया.
प्राधिकरण को कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा
प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. के अनुसार, इस प्लांट की स्थापना पर प्राधिकरण को कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा. इसके विपरीत, कंपनी द्वारा हर टन कूड़ा प्रोसेस करने पर प्राधिकरण को 225 रुपए की रॉयल्टी भी दी जाएगी.
डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा यह प्लांट
अनुमान है कि यह प्लांट करीब डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा और पूरी क्षमता से कार्य करना शुरू कर देगा. सीईओ रवि कुमार ने कहा कि इस पहल से गीले कूड़े के निस्तारण की समस्या खत्म होगी और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा. साथ ही, बायो सीएनजी उत्पादन से शहर में हरित ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी और प्राधिकरण को सतत आमदनी का स्रोत मिलेगा.
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