लखीमपुर खीरी में हर माह तेंदुआ और बाघ के हमले हो रहे हैं.
हर्ष गुप्ता, लखीमपुर खीरी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में आए दिन हो रहे जंगली जानवरों के हमलों से लोग सहमे हुए हैं. यहां हर तीसरे दिन कोई न कोई तेंदुआ या बाघ बुजुर्गों-बच्चों पर हमला कर देते हैं. उनके डर से लोग अंधेरे के समय घरों से निकलने में कतराने लगे हैं.
दक्षिण खीरी वन रेंज व सदर कोतवाली क्षेत्र के गंगाबेहड़ गांव निवासी मुन्नर अली ने पुलिस को बताया कि एक तेंदुआ (Leopard) ने शनिवार शाम को उनके 11 साल के बेटे पर हमला कर दिया. उसे देखकर मुन्नर अली ने शोर मचाया. लेकिन, जब तक लोग इकट्ठा होते, बेटे (11 वर्षीय छोटू) को तेंदुआ खींचकर एक पेड़ पर ले जा चुका था. उसे बचाने के लिए नीचे से पिता शोर मचाता रहा, लेकिन तेंदुआ उनके बेटे को आंखों के सामने खा गया.
ग्रामीणों के मुताबिक, दो घंटे बीत जाने के बावजूद भी वन विभाग टीम मौके पर नहीं पहुंची. कुछ ग्रामीणों के खदेड़ने पर तेंदुआ भाग तो गया, लेकिन तब तक 11 साल का छोटू उसने बुरी तरह कुतर डाला था. तेंदुए के हमले में वहीं उसकी मौत हो चुकी थी. एक व्यक्ति ने बताया कि घटना के करीब एक घण्टे बाद छोटू का शव गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर गन्ने के खेत से बरामद हुआ.
सूचना मिलने पर पुलिस समेत वन विभाग की टीम बाद में घटनास्थल पर पहुंची. वन विभाग के अधिकारियों ने जल्द तेंदुए को पकड़ने की बात कही. हालांकि, घटना से इलाके के लोग आक्रोशित हैं. इस इलाके में पहले भी कई बार तेंदुआ हमला कर चुका है.
पुलिस एंव वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को सांयकाल में खेतों की तरफ जाने से मना किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए की तलाश की जा रही है और उसके पकड़े जाने तक लोगों को ज्यादा सतर्क रहना होगा.
— भारत एक्सप्रेस