
झांसी के प्रमुख इलाइट चौराहे पर एक अजीब नज़ारा देखने को मिला. वर्दी में कानून का पहरेदार रहने वाला इंस्पेक्टर मोहित यादव अब सड़क किनारे चाय बेचता नजर आया. कभी पुलिस महकमे में सख्त मिजाज अफसर के रूप में पहचान रखने वाले मोहित यादव अब चाय के प्यालों से अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं.
छुट्टी मांगी, उल्टा सस्पेंड कर दिया गया
2012 बैच के इंस्पेक्टर मोहित यादव का कहना है कि उन्होंने पुलिस विभाग से छुट्टी का आवेदन दिया था, लेकिन इसके बदले उन पर ही मारपीट का झूठा आरोप लगाकर सस्पेंड कर दिया गया. यही नहीं, उनके खिलाफ छह फर्जी मुकदमे भी दर्ज कर दिए गए. अपने निलंबन के बाद, उन्होंने झांसी के इलाइट चौराहे पर चाय की दुकान खोल ली और परिवार का पेट पालने के लिए मेहनत करने का फैसला किया.
थाने में बैठकर रोया इंस्पेक्टर, लगाए गंभीर आरोप
कुछ दिन पहले मोहित यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे थाने में जमीन पर बैठकर रोते हुए पुलिस अधिकारियों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. इस मामले ने पूरे पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
इंसाफ के दरवाजे बंद हुए तो मजबूर हुआ
मोहित यादव ने कहा कि वे निलंबन के दौरान मिलने वाली आधी तनख्वाह भी नहीं लेंगे. “अगर कानून से न्याय नहीं मिला, तो मेहनत की रोटी खाकर ही जियूंगा,” उन्होंने कहा. एक शेर उनके हालात पर सटीक बैठता है:
“उठाने बैठे थे जब तलवार मेरे खिलाफ, मैंने हथेली पे रख ली थी अपनी नसीब की रेखा.”
अब देखना यह होगा कि मोहित यादव को न्याय मिलता है या उन्हें चाय बेचकर ही अपने दिन गुजारने पड़ेंगे.
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-भारत एक्सप्रेस
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