Bharat Express

Uttar Pradesh: पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत के मामले में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज

Death in Police Custody: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का मामला. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि हिरासत में पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटे जाने के कारण उनकी मौत हुई है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के विकास नगर में शुक्रवार (11 अक्टूबर) रात जुए के अड्डे से पकड़े जाने के तुरंत बाद 28 वर्षीय दलित व्यक्ति (Dalit Man) की हिरासत में मौत (Death in Police Custody) के मामले में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

मृतक युवक की पहचान अमन गौतम (Aman Gautam) के रूप में हुई है. उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि हिरासत में पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटे जाने के कारण उसकी मौत हुई है. घटना से नाराज व्यक्ति के परिवार और अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.

परिवार ने लगाए ये आरोप

विकास नगर थाना प्रभारी विपिन सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी रोशनी गौतम की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत हेड कॉन्स्टेबल शैलेंद्र सिंह और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

अपनी शिकायत में रोशनी ने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात को उनके पति विकास नगर स्थित अंबेडकर पार्क में बैठे थे, तभी पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और गौतम की पिटाई और गाली-गलौज शुरू कर दी, जिससे गौतम बेहोश हो गए और पुलिस उन्हें अस्पताल ले गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति पर हमले के पीछे हेड कॉन्स्टेबल शैलेंद्र सिंह मुख्य व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

विपक्ष ने उठाए सवाल

घटना को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने एक पोस्ट में कहा, ‘यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहल्ला गंजरहापुरवा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क में घूमने गए एक दलित युवक के साथ कल शाम पुलिस की बर्बरता से हुई मौत की घटना अति-दुखद है. लोगों में रोष व्याप्त है. सरकार दोषी पुलिस वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे तथा पीड़ित परिवार की पूरी मदद भी करे.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘मैं इतना कहना चाहूंगा कि इस परिवार के साथ अन्याय हुआ है. मृतक की पत्नी कह रही है कि उसके पति को पुलिस लेकर गई और मारपीट की, जिससे उसकी जान चली गई. इस पूरे मामले में पुलिस शामिल है और इस घटना के लिए जिम्मेदार है.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर उनके खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करना चाहिए. कांग्रेस पार्टी की मांग है कि मृतक के परिवार से किसी एक शख्स को सरकारी नौकरी दी जाए और सरकार एक करोड़ रुपए की सहायता राशि भी दे.’

-भारत एक्सप्रेस

Also Read