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खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत का नाम घसीटने वाले कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो अमेरिका और ब्रिटेन को भी अपनी 'साजिश' का हिस्सा बनाना चाहते थे. लेकिन इस कोशिश में उन्हें बड़ा झटका लगा.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का विवादों से गहरा नाता रहा है. संसद में ट्रूडो ने विपक्षी महिला सांसद की छाती पर कोहनी मारते हुए धक्का दे दिया था. इसके बाद पूरे कनाडा में बवाल हो गया. संसद ने ट्रूडो पर कड़ी कार्रवाई की वार्निंग दी.

G20 शिखर सम्मेलन के लिए ट्रूडो भारत आए थे. तब वापसी के समय उनका विमान घंटों तक दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़ा रहा था. तब कहा गया ​कि विमान में तकनीक खामी आ गई. हालांकि अब मीडिया सोर्सेस के हवाले से उसके पीछे कुछ और ही वजह सामने आई है.

खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड में भारत के पलटवार से कनाडा बैकफुट पर आ गया है. पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि वे भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. ट्रूडो के मुताबिक वो ये चाहते हैं कि भारत इस मुद्दे को ठीक से एड्रेस करे.

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद शुरू हुए भारत-कनाडा के बीच रिश्तों में कड़वाहट ने नया मोड़ ले लिया है. खालिस्तानियों के समर्थन करने में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो पहले ही जनता और मीडिया के निशाने पर थे.

देश की राजनीति में महिलाओं की स्थिति दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है. संसद-विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश हो चुका है. अगर ये विधेयक कानून बन जाता है तो देश की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी 33 फीसदी हो जाएगी.

तल्ख हुए रिश्तों के बीच कनाडा ने अपने नागरिकों को एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि कनाडाई नागरिक भारत में जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट की यात्रा न करें. कनाडाई सरकार के मुताबिक इन इलाकों में उनके नागरिकों को आतंकवाद, उग्रवाद और अपहरण का खतरा है.

जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर ट्रूडो ने पीएम रहते इंदिरा गांधी के कहने के बावजूद खालिस्तानी तलविंदर परमार को भारत को नहीं सौंपा. इसके बाद जून 1985 में खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ा. जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी.

दुनिया के दो सबसे कट्टर दुश्‍मनों अमेरिका और ईरान के बीच कैदियों को लेकर डील सफल हो गई है. अमेरिका के 5 नागरिक 8 साल बाद ईरान की जेल से छूटकर अपने घर पहुंच गए. वहीं अमेरिका ने भी ईरान के 6 अरब डॉलर लौटा दिए हैं. ईरान और अमेरिका के बीच ये समझौता कराने में कतर की अहम भूमिका रही.

हाल के सालों में खालिस्तानी अलगाववादियों की कनाडा की धरती से भारत के खिलाफ गतिविधियां बढ़ी हैं. कई खालिस्तानी आतंकियों ने कनाडा में पनाह ले रखी है और आए दिन वे भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं.