सांकेतिक फोटो
किराये के घोटाले में कई छात्रों को धोखा देने के आरोप में जमानत पर रिहा 24 वर्षीय एक भारतीय नागरिक को अपने रूममेट के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सिंगापुर से भागने की कोशिश करने के आरोप में जेल की सजा सुनाई गई है. द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पटेल धवलकुमार चंदूभाई को पासपोर्ट अधिनियम के तहत एक सहित पांच आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को 14 महीने और 14 सप्ताह की जेल की सजा सुनाई गई. अन्य आरोप किराये के घोटाले से संबंधित थे.
मई 2022 में, पटेल ने सिंगापुर पढ़ने आए और आवास की तलाश कर रहे चार लोगों में से प्रत्येक से 500 सिंगपुरी डॉलर के रूप में किराये की मांग की. उन्होंने प्रत्येक के साथ एक समझौता किया, जिस यूनिट में वह रह रहा था, उसमें एक कमरा किराए पर लिया.
मासिक किराये का नहीं किया भुगतान
राशि प्राप्त करने के बाद, पटेल ने यह कहकर यूनिट छोड़ दी कि वह कुछ दिन के लिए मलेशिया जा रहे हैं और लापता हो गए. पीड़ितों को मकान मालिक ने बताया कि पटेल ने उन्हें उनके मासिक किराये का भुगतान नहीं किया और वह भुगतान में देरी के लिए बहाने बना रहे थे. पीड़ितों को यूनिट छोड़ने के लिए कहने के बाद, उन्होंने पटेल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पटेल को 29 मई को चांगी हवाईअड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया जब वह सिंगापुर से भारत के लिए रवाना होने का प्रयास कर रहे थे.
देश छोड़ने के प्रयास
उन्होंने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया और 3 जून को जमानत पर रिहा कर दिया गया, इस शर्त के साथ कि उन्हें अदालत की अनुमति के बिना सिंगापुर के अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा नहीं करनी है. पटेल ने 20 मार्च को देश छोड़ने के प्रयास में तुआस चेकप्वॉइंट पर एक स्वचालित पासपोर्ट काउंटर पर अपने रूममेट के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया. लेकिन संदेह होने पर उन्हें एक आव्रजन अधिकारी के पास भेजा गया. द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में आव्रजन अधिकारियों को पटेल के अपने पासपोर्ट की एक डिलीट की हुई तस्वीर उनके मोबाइल फोन में मिली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
उप लोक अभियोजक लुइस नगिया ने अदालत के समक्ष कहा पटेल ने योजनाबद्ध ढंग से अपराध करने की कोशिश की. सिंगापुर कानून के अनुसार पटेल को 10 साल तक की जेल, 10,000 डॉलर तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है.